दर्द के बावजूद लियो ने लहराया जीत का झंडा! डेकाथलॉन में गोल्ड से रचा इतिहास

लियो
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* नेउगेबाउर ने डेकाथलॉन में 8,804 अंकों के साथ गोल्ड मेडल जीता
* दर्द के बावजूद आखिरी रेस पूरी कर खुद को ट्रैक से उठाया
* 2028 लॉस एंजेलिस ओलंपिक को बताया अपना अगला लक्ष्य

Leo Neugebauer Wins Decathlon : टोक्यो। जर्मनी के लियो नेउगेबाउर ने विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में एक ऐसा गोल्ड मेडल जीता जो सिर्फ ताकत से नहीं, बल्कि जज़्बे से हासिल हुआ। डेकाथलॉन की अंतिम 1,500 मीटर दौड़ के बाद वे दर्द से बेहाल ट्रैक पर गिर पड़े, लेकिन व्हीलचेयर लेने से साफ इनकार कर खुद खड़े हुए और गोल्ड अपने नाम किया।

इस रेस को उन्होंने 4 मिनट 31.89 सेकंड में पूरा किया और कुल 8,804 अंक जुटाए। उन्होंने प्यूर्टो रिको के आयडेन ओवेन्स-डेलेर्मे (8,784) और अमेरिका के काइल गारलैंड (8,703) को पीछे छोड़ते हुए पहला स्थान हासिल किया।

उनकी जीत के बाद सबसे भावुक पल वह था जब वे स्टैंड पर चढ़कर अपनी मां डायना और पिता टेरेंस को गले लगाने पहुंचे। लियो ने कहा, “मैं ट्रैक से व्हीलचेयर पर बाहर नहीं जाना चाहता था। ये मेरा पल था और मैंने इसे अपने पैरों पर खड़े होकर पूरा किया।”

गोर्लिट्ज में जन्में और स्टटगार्ट में पले-बढ़े लियो को बचपन से खेलों से लगाव रहा। उनके पिता, जो फुटबॉल के शौकीन थे, ने उन्हें एथलेटिक्स में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया। 15 साल की उम्र से लियो ने ट्रैक और फील्ड पर फोकस किया।

उनकी मेहनत का नतीजा था कि उन्हें टेक्सास यूनिवर्सिटी, ऑस्टिन में स्कॉलरशिप मिली, जहां वे आज भी प्रशिक्षण के साथ-साथ अर्थशास्त्र की पढ़ाई कर रहे हैं। अमेरिका में ट्रेनिंग ले रहे इस 2.01 मीटर लंबे एथलीट को लोग अब ‘लियो द जर्मन’ के नाम से जानते हैं।

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उनके कोच जिम गार्नहैम का कहना है, “लियो वही कर सकता है जो शायद और कोई न कर पाए, बशर्ते सब कुछ सही रहा।” इस जीत के बाद लियो ने 2028 लॉस एंजेलिस ओलंपिक को अपना अगला टारगेट बताया, जिसे वे “अपना होम ग्राउंड” मानते हैं।

पूर्व विश्व चैंपियन निकोलस कौल इस बार चौथे स्थान पर रहे, लेकिन सबकी नजरें केवल उस एथलीट पर थीं जो गिरा, फिर उठा… और चैंपियन बन गया।