जयपुर: राजस्थान के ग्रामीण अंचल से लेकर अंतरराष्ट्रीय मंच तक का सफर तय करते हुए ‘एयू बनो चैंपियन’ कार्यक्रम की एथलीट सुनीता चौधरी ने 70 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। जॉर्जिया में आयोजित बटुमी ओपन इंटरनेशनल वुशु टूर्नामेंट 2025 में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुने गए 16 खिलाड़ियों में वह राजस्थान की एकमात्र एथलीट थीं। यह जीत केवल उनका व्यक्तिगत मील का पत्थर नहीं है, बल्कि एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक की खेल पहल ‘एयू बनो चैंपियन’ से संभव हुए परिवर्तन का प्रतीक भी है।
एयू फाउंडेशन की प्रमुख पहलों में से एक, ‘एयू बनो चैंपियन’ ने राजस्थान के 70 से अधिक ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर खेलों की तस्वीर बदल दी है। एथलेटिक्स, फुटबॉल, वॉलीबॉल, थ्रोबॉल, वुशु, कबड्डी और बॉक्सिंग जैसे खेलों में 8,000 से अधिक बच्चों को संरचित प्रशिक्षण देकर यह कार्यक्रम ग्रामीण प्रतिभा को अंतरराष्ट्रीय उत्कृष्टता में बदल रहा है।
संजय अग्रवाल, संस्थापक, एमडी और सीईओ ने कहा, “खेलों में जीवन बदलने और चरित्र निर्माण करने की अनोखी शक्ति होती है। ‘एयू बनो चैंपियन’ पहल के जरिए हम केवल खिलाड़ी नहीं बना रहे हैं, बल्कि अनुशासित, लक्ष्य-उन्मुख चैंपियनों की पीढ़ी तैयार कर रहे हैं, जो अपनी असीमित क्षमता पर विश्वास करती है। सुनीता की जीत इस बात का प्रमाण है कि सही मंच और मार्गदर्शन मिलने पर हर बच्चा, चाहे उसकी पृष्ठभूमि कैसी भी हो, असाधारण ऊंचाइयों तक पहुंच सकता है।”
कुशल कोच, उचित सुविधाओं की उपलब्धता और एक्सपोजर कैंप्स के साथ इस पहल ने अब तक 480 से अधिक राष्ट्रीय और राज्य स्तर के एथलीट तैयार किए हैं। बच्चों और युवाओं को प्रशिक्षित करने के अलावा, यह कार्यक्रम स्थानीय खेल प्रेमियों को कोच के रूप में प्रशिक्षित कर रहा है और उन्हें बेल्लारी स्थित इंस्पायर इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स और पटियाला स्थित एनआईएस जैसे अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त खेल संस्थानों में आयोजित कोच विकास कार्यक्रमों के जरिए आगे बढ़ा रहा है।
सुनीता चौधरी ने कहा, “मैं ‘एयू बनो चैंपियन’ कार्यक्रम की आभारी हूं, जिसने मुझे यह प्रशिक्षण और अवसर दिए। इस स्तर तक पहुंचकर मैं बेहद खुश हूं। हर किसी के सपने होते हैं, लेकिन जब सपने सच होते हैं तो वे उम्मीद जगाते हैं।”
सुनीता चौधरी की यह उपलब्धि राजस्थान के हजारों उभरते खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा और आशा का स्रोत बनेगी।
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