
जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा और आरएसएस पर तीखा हमला बोला है। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के मंदिर जाने पर गंगाजल छिड़कने की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए गहलोत ने इसे मानवता पर कलंक और भाजपा-आरएसएस की छुआछूत की मानसिकता का परिचायक बताया। उन्होंने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से आह्वान किया कि वे आगे आकर देश में छुआछूत समाप्त करने का अभियान चलाएं, क्योंकि वर्तमान में उनकी विचारधारा के लोग सत्ता में हैं।गहलोत ने कहाकि जब दलित और आदिवासी भी हिंदू माने जाते हैं, तो उनके साथ भेदभाव और छुआछूत मिटाने की जिम्मेदारी किसकी है? उन्होंने कहा कि आरएसएस, जिसका भाजपा समर्थन करती है।
के लिए यह सबसे अच्छा मौका है कि वह देशव्यापी आह्वान करे कि हिंदुओं के बीच कोई छुआछूत की भावना नहीं होनी चाहिए। मंदिर में दलितों के जाने पर गंगाजल से धोना भाजपा और आरएसएस की मानसिकता को दर्शाता है, यह उनका सीधा आरोप है। उन्होंने चुनौती दी कि अगर उनका आरोप गलत है तो आरएसएस और भाजपा को प्रतिक्रिया देनी चाहिए और छुआछूत के खिलाफ अपनी प्रतिबद्धता सार्वजनिक रूप से व्यक्त करनी चाहिए।इससे पहले, गहलोत ने महान समाज सुधारक ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले को याद करते हुए उनके त्याग और योगदान को नमन किया। उन्होंने कहा कि जिस जमाने में महिलाओं की शिक्षा को पाप समझा जाता था, उस दौर में फुले दंपत्ति ने स्कूल खोले और समाज के विरोध को झेला।
उन्होंने कहा कि फुले दंपत्ति का व्यक्तित्व ऐसा था कि पूरे देश में उनकी चर्चा होती है और महाराष्ट्र के हर गांव में उनके नाम पर संस्थाएं बनी हुई हैं। बाबा साहब अंबेडकर उन्हें अपना गुरु मानते थे और गांधी जी उनका सम्मान करते थे। राहुल गांधी ने भी बिहार में सामाजिक न्याय मंच की बैठक में उनकी तस्वीरों का उल्लेख किया था।पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पेयजल को लेकर दिए बयान पर गहलोत ने कहा कि दो बार मुख्यमंत्री रहीं वसुंधरा राजे का पीकेसी (परवन कालीसिंध चंबल) ईआरसीपी (पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना) को लेकर दिया गया बयान बकवास है। उन्होंने कहा कि राजे नौ साल तक कुछ नहीं होने की बात कहकर जनता को बेवकूफ बना रही हैं।गहलोत ने कहा कि वसुंधरा राजे को पीकेसी और ईआरसीपी के नए समझौते की सच्चाई बतानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब उनकी सरकार थी तो ईआरसीपी बनी थी और उनकी सरकार ने उसे आगे बढ़ाया। उन्होंने राजे से आग्रह किया कि वे सिर्फ झालावाड़ की बात न करें बल्कि पूरी योजना पर अपनी राय स्पष्ट करें, तभी माना जाएगा कि वे राजस्थान के हितों की बात कर रही हैं।
आतंकवादी तहव्वुर राणा को भारत लाए जाने के सवाल पर गहलोत ने कहा कि पूरा देश खुश है क्योंकि राणा ने बहुत बड़ा अपराध किया था। उन्होंने सरकार से सभी भगोड़ों, चाहे वे आर्थिक हों या आतंकवादी, को भारत लाने के लिए लक्षित प्रयास करने का आग्रह किया। उन्होंने सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री मोदी के 14 साल के कार्यकाल में भी राणा को क्यों नहीं लाया जा सका और उम्मीद जताई कि अगर सरकार की इच्छाशक्ति हो तो वह भी आएगा।गुजरात में हुए कांग्रेस अधिवेशन पर गहलोत ने कहा कि यह बहुत शानदार रहा और उसमें पारित प्रस्ताव लागू भी होंगे। उन्होंने कहा कि देश को आज कांग्रेस और उसकी विचारधारा की जरूरत है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा विपक्ष की आवाज को दबा रही है और पत्रकारों-साहित्यकारों को देशद्रोही करार दे रही है। उन्होंने कहा कि इन ताकतों का मुकाबला करने के लिए कांग्रेस को मजबूत होना होगा और पार्टी में राहुल गांधी और खरगे के नेतृत्व में जो नई सोच विकसित हुई है, उसका असर जल्द ही देखने को मिलेगा।