झालावाड़ में 37 किलो अफीम डोडा चूरा बरामद, सरकारी शिक्षक सहित 7 गिरफ्तार

गिरफ्तार
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झालावाड़। पुलिस ने मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत एक बड़ी सफलता हासिल की है। डीएसटी और झालरापाटन व रटलाई थाना पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। इस गिरोह से जुड़े सात आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें एक सरकारी शिक्षक भी शामिल है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 37 किलो 100 ग्राम अफीम निर्मित डोडा चूरा, एक इलेक्ट्रॉनिक तोल कांटा, एक मिक्सर और एक बोलेरो कार जब्त की है। पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने बताया कि यह गिरोह संगठित तरीके से काम कर रहा था और इसका नेटवर्क झालावाड़ से लेकर जोधपुर तक फैला हुआ था।

सबसे पहले पुलिस ने झालरापाटन के ग्रोथ सेंटर चौराहे पर संदिग्ध व्यक्ति अनिल विश्नोई को पकड़ा।तलाशी में उसके पास से 32 किलो 400 ग्राम डोडा चूरा मिला।पूछताछ में अनिल ने खुलासा किया कि वह यह माल राजपुरा निवासी शिवनारायण और दीन्याखेड़ी निवासी रामबाबू से लेकर आया था और इसे जोधपुर ले जाने वाला था। इस सूचना पर रटलाई पुलिस ने शिवनारायण और रामबाबू के ठिकानों पर छापेमारी की। एक घर से 2 किलो डोडा चूरा और बोलेरो गाड़ी से 2 किलो 700 ग्राम डोडा चूरा बरामद किया गया।मौके से शिवनारायण, नरेंद्र, अनिल और रामबाबू उर्फ कल्लू को गिरफ्तार किया गया।

गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में इस रैकेट के सरगना सामने आए। शिवनारायण ने पुलिस को बताया कि वह यह मादक पदार्थ लाल्याखेड़ी निवासी सुरेश पाटीदार उर्फ सुरेश मास्टर और बालचंद पाटीदार से खरीदता था।सुरेश पाटीदार एक सरकारी शिक्षक है, जो इस अवैध धंधे में शामिल पाया गया।पुलिस ने इन दोनों को भी गिरफ्तार कर लिया और इलेक्ट्रॉनिक कांटा व मिक्सर जब्त किया।

पुलिस ने जिन 7 आरोपियों को पकड़ा, उनके नाम इस प्रकार हैं: अनिल विश्नोई पुत्र रूपाराम (24), निवासी कापरड़ा, जिला जोधपुर,शिवनारायण लोधा पुत्र रामलाल (63), निवासी बकानी, हाल रटलाई,नरेंद्र लोधा पुत्र शिवनारायण (21), निवासी रटलाई,अनिल वैष्णव पुत्र मदन लाल (25),रामबाबू उर्फ कल्लू मीणा पुत्र मोतीलाल (35),बालचंद पाटीदार पुत्र नंदकिशोर (32), निवासी रटलाई, झालावाड़,सुरेश पाटीदार पुत्र मोहनलाल (40), निवासी रटलाई, झालावाड़ (सरकारी शिक्षक) के नाम शामिल है।

पुलिस का कहना है कि सभी आरोपियों से गहन पूछताछ की जा रही है ताकि इस बड़े नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों का भी पता लगाया जा सके। यह कार्रवाई पुलिस के विशेष अभियान की एक बड़ी सफलता मानी जा रही है, जिसमें जिला स्पेशल टीम (DST) ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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