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राजस्थान प्री वेटरिनरी टेस्ट का आयोजन पारदर्शी तरीके से कराने के दिए निर्देश
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पशु चिकित्सा महाविद्यालयों में प्रवेश पारदर्शी और मेरिट के आधार पर हो
जयपुर। शासन सचिव पशुपालन, गोपालन और मत्स्य डॉ समित शर्मा की अध्यक्षता में शुक्रवार को शासन सचिवालय में राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान महाविद्यालय, (राजूवास) बीकानेर/ जोबनेर, जयपुर के संघटक पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालयों एवं संबद्ध वेटरिनरी कॉलेजों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में मुख्य रूप से अगस्त में आयोजित होने वाले राजस्थान प्री वेटरिनरी टेस्ट पर चर्चा हुई। शासन सचिव ने निर्देश दिए कि यह परीक्षा पूर्ण रूप से निष्पक्ष, कदाचार रहित और पारदर्शी तरीके से करवाना सुनिश्चित करें। किसी भी तरह की अनियमितता बिल्कुल बरदाश्त नहीं की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।
उन्होंने परीक्षा की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन और पारदर्शी करने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि परीक्षा और प्रवेश की पूरी प्रक्रिया केंद्रीकृत होनी चाहिए। उन्होंने सख्त निर्देश दिया कि परीक्षा में किसी प्रकार की कोई धांधली नहीं होनी चाहिए। सरकार इसके प्रति बहुत गंभीर है अगर ऐसा मामला कहीं भी सामने आता है तो जिम्मेदार लोगों को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। उल्लेखनीय है कि राजस्थान प्री वेटरिनरी टेस्ट की परीक्षा 3 अगस्त को प्रदेश के चार शहरों उदयपुर, जोधपुर, बीकानेर और जयपुर के 33 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित होगी।
शासन सचिव ने निर्देश दिए कि इन केंद्रों पर शुचितापूर्ण परीक्षा की सारी माकूल व्यवस्थाएं आवश्यक रूप से सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने राजूवास को निर्देश दिए कि परीक्षा से पहले मानक संचालन प्रक्रिया जारी हो जानी चाहिए। डॉ शर्मा ने सीटों की हेराफेरी करनेवालों को रोकने के लिए एक सेल गठित करने के निर्देश दिए और कहा कि पूरी प्रक्रिया भ्रष्टाचार रहित होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पशु चिकित्सा डिप्लोमा कार्यक्रम के संचालनकर्ता कॉलेजों की संबद्धता तभी करें जब वे राष्ट्रीय पशु चिकित्सा परिषद के सभी मानकों को पूरा करते हों।
डॉ शर्मा ने कहा कि प्रदेश के सभी पशु चिकित्सा संस्थानों को राष्ट्रीय पशु चिकित्सा परिषद के मानदंडों पर काम करना होगा इसमें किसी प्रकार का समझौता नहीं होना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि 31 जुलाई तक सभी कॉलेजों को बायोमेट्रिक अटेंडेंस वेबसाइट पर, अध्यापकों की पारदर्शी सूची प्रदर्शित करने आदि नियमों का पालन करना होगा अन्यथा कॉलेजों की असंबद्धता के लिए राष्ट्रीय पशु चिकित्सा परिषद को अनुशंसा भेज दी जाएगी। उन्होंने सभी कॉलेजों को सभी प्रकार के उपकरण और औजार की उपलब्धता और उनका उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए और कहा कि कॉलेज के संचालन में भी पूरी पारदर्शिता होनी चाहिए।
उन्होंने चिकित्सा संस्थानों को निर्देश दिए कि पूरे सत्र का कैलेंडर पूर्व में ही तैयार करें और उसकी अनुपालना भी सुनिश्चित करें साथ ही सत्र समयपर प्रारंभ हों और समय पर समाप्त हों ऐसी व्यवस्था भी सुनिश्चित हो। बैठक में शासन उपसचिव संतोष करोल, राजुवास के प्रो वाइस चांसलर डॉ हेमंत दाधीच, डॉ ब्रजनंदन श्रृंगी, निदेशक शोध, डॉ प्रकाश, डॉ अशोक डांगी, डॉ साकार पालेचा सहित अन्य अधिकारियों ने भाग लिया।
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