विधानसभा सत्र : शैडो कैबिनेट के साथ विपक्ष सरकार पर करेगा 20 मुद्दों की घेराबंदी

राजस्थान विधानसभा
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जयपुर। राजस्थान विधानसभा का आगामी मानसून सत्र 1 सितंबर से शुरू हो रहा है और इसके भारी हंगामेदार रहने की पूरी संभावना है। विपक्ष ने सरकार को घेरने के लिए 20 अहम मुद्दों की सूची तैयार कर ली है। हालांकि अंतिम रणनीति विपक्षी विधायकों की बैठक में बनेगी। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने संकेत दिए हैं कि इस बार विपक्ष शैडो कैबिनेट का गठन करेगा। इसके तहत पूर्व मंत्री और अनुभवी नेता संबंधित विभागों पर सरकार को आंकड़ों और तर्कों के साथ
चुनौती देंगे।

सरकार की तैयारी

सरकार इस सत्र में 10 विधेयक लाने की तैयारी में है। इनमें से 3 विधेयक पिछले सत्र में प्रवर समिति को भेजे गए थे। वहीं विधानसभा अध्यक्ष ने प्रश्नकाल और शून्यकाल के नियमों को कड़ा कर पावर को सेंट्रलाइज कर दिया है। इससे सत्र का संचालन अधिक अनुशासित होगा।

विपक्ष के निशाने पर ये 20 मुद्दे

  • प्रदेश में कानून व्यवस्था की बदहाली – हत्या, लूट, डकैती और रेप की घटनाएं।
  • छात्रसंघ चुनाव नहीं करवाने से युवाओं में रोष।
  • पेपर लीक मामले (विशेषकर एसआई भर्ती) पर सरकार का ठोस निर्णय न लेना।
  • स्मार्ट मीटर लगाने का विरोध।
  • झालावाड़ स्कूल हादसा और जिम्मेदारी तय न होना।
  • नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव डेढ़ साल से लंबित।
  • बजरी, भू और खनन माफिया पर सरकार की नाकामी।
  • एक ही विधेयक का बार-बार प्रवर समिति को भेजा जाना।
  • राइजिंग राजस्थान एमओयू की स्थिति और निवेश पर सवाल।
  • कमजोर मंत्रियों को घेरना जो जवाब नहीं देते।
  • कांग्रेस नेताओं इंदिरा गांधी और नेहरू पर की गई टिप्पणियां।
  • जयपुर, जोधपुर और कोटा में निगमों के पुनर्गठन का विरोध।
  • बढ़ती बेरोजगारी और आत्महत्या के मामलों पर सरकार की असफलता।
  • वोटर लिस्ट गड़बड़ी और नई सूचियों को लेकर चिंता।
  • सड़कों की जर्जर हालत और दुर्घटनाएं।
  • किसानों को खाद और बिजली आपूर्ति की कमी।
  • ईस्टर्न कैनाल और यमुना जल परियोजना में धीमी प्रगति।
  • जनहित कार्यों में सुस्ती और विभागों की निष्क्रियता।
  • किसानों के लिए पिछली सरकार की योजनाओं को बंद करना।
  • बजट घोषणाओं पर काम न होना।

शैडो कैबिनेट की भूमिका

विपक्ष ने तय किया है कि शैडो कैबिनेट के तहत पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेता संबंधित विभागों के मंत्रियों को घेरेंगे।

  • गोविंद सिंह डोटासरा – शिक्षा
  • राजेंद्र पारीक – उद्योग
  • हरेंद्र मिर्धा और सचिन पायलट – सार्वजनिक निर्माण विभाग व पंचायती राज
  • हरीश चौधरी – राजस्व विभाग
  • टीकाराम जूली – सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता
  • अशोक चांदना – खेल और युवा मामले

शैडो कैबिनेट का मकसद है कि मुद्दों और आंकड़ों से लैस होकर सरकार को कठघरे में खड़ा किया जाए।

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