- भिवाड़ी गौरव सम्मान में विशिष्ट हस्तियों को किया गया सम्मानित
- खर्रा ने कहा – देश की प्रतिभाओं को प्रोत्साहन और मंच जरूरी
- आईआईएफ-2025 में आगंतुकों की भीड़, तकनीकी सत्रों में उत्साह
Bhiwadi Gaurav Samman: भिवाड़ी के मेला ग्राउंड में चल रहे इंडिया इंडस्ट्रियल फेयर (IIF-2025) में दूसरे दिन ‘भिवाड़ी गौरव सम्मान’ का आयोजन हुआ। इस अवसर पर उद्योग, शिक्षा और सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाली हस्तियों को सम्मानित किया गया। मंच पर उपस्थित उद्यमियों और आगंतुकों ने इसे भिवाड़ी के औद्योगिक सफर में एक प्रेरक क्षण बताया।
मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि बदलती वैश्विक परिस्थितियों में भारतीय प्रतिभाओं को प्रोत्साहन और उचित मंच देना बेहद ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि तकनीक और नवाचार के बल पर देश के उद्योगों को नया आयाम दिया जा सकता है और साथ ही विदेशी बाजारों में भी प्रतिस्पर्धा बढ़ाई जा सकती है।
खर्रा ने याद दिलाया कि अमेरिका जैसे विकसित देशों में भारतीयों की प्रतिभा ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि अब कई युवा अपनी मातृभूमि लौटकर यहां उद्योग और नवाचार में योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में भी भारत की आत्मनिर्भरता बढ़ी है और ‘तेजस’ जैसे विमान कई देशों के आकर्षण का केंद्र बने हैं।
उद्योग राज्य मंत्री के.के. विश्नोई ने बताया कि सरकार ने राइजिंग राजस्थान निवेश शिखर सम्मेलन के जरिए चार लाख करोड़ रुपये के एमओयू जमीन पर उतारे हैं। उन्होंने भिवाड़ी को प्रदेश का प्रमुख औद्योगिक हब बताते हुए कहा कि पचपदरा की आधुनिक रिफाइनरी भी जल्द शुरू होगी जिससे उद्यमियों को लाभ मिलेगा।
तिजारा विधायक बाबा बालकनाथ और बहरोड़ विधायक जसवंत यादव ने भिवाड़ी के औद्योगिक विकास की जरूरत पर बल दिया। कामधेनु ग्रुप के सतीश अग्रवाल ने बताया कि भिवाड़ी की विकास यात्रा में योगदान देने वाली विभूतियों को ‘भिवाड़ी गौरव सम्मान’ से नवाजा गया।
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सम्मान पाने वालों में राष्ट्रपति शिक्षक पुरस्कार विजेता नीलम यादव, मॉडर्न पब्लिक स्कूल के संस्थापक सतीश कुमार कौरा, आशियाना हाउसिंग ग्रुप के विशाल गुप्ता, लायंस क्लब के मृत्युंजय पांडे, भारत विकास परिषद के अमित नाहटा, पहली फाइटर पायलट शिवांशी पाठक, श्रीराम पिस्टन व अन्य नाम शामिल रहे।
इस आयोजन में पीएनबी के जोनल हेड राजेश भौमिक ने 21 हजार करोड़ के एमओयू और पीएम विश्वकर्मा योजना की जानकारी दी। वहीं लघु उद्योग भारती के अधिकारियों ने संगठन की गतिविधियों का परिचय कराया।
तकनीकी सत्रों में डीआरडीओ के वैज्ञानिक संजीव कुमार ने ‘डिफेंस सेक्टर में एमएसएमई के लिए अपार संभावनाएं’ विषय पर बात की। राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला के प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ. राजीव सिंह ने प्लास्टिक वेस्ट और फ्लाई ऐश से तैयार नए पैनलों के जरिए उद्योग और समाज को लाभ पहुंचाने वाले नवाचारों पर जानकारी दी।