बीकानेर। बीकानेर जिले में पिछले दो-तीन दिनों से हो रही बारिश ने मुरझाती हुई खरीफ फसलों को नया जीवन दिया है। सावन और भादवा के शुरुआती हिस्से में बारिश की कमी के कारण मोठ, बाजरा और ग्वार जैसी फसलें सूखने लगी थीं। इस बारिश ने किसानों की उम्मीदों को फिर से जगा दिया है।
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक कैलाश चौधरी ने बताया कि जिले में इस साल 12 लाख 82 हजार 242 हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बुवाई हुई है। इनमें सर्वाधिक 4.35 लाख हेक्टेयर में ग्वार, 3.30 लाख हेक्टेयर में मोठ और 2.22 लाख हेक्टेयर में मूंगफली की खेती की गई है। इस समय हुई बारिश इन सभी फसलों के लिए वरदान साबित हुई है।
उद्यान विभाग के सहायक निदेशक मुकेश गहलोत ने बताया कि फल वृक्षों, जैसे अनार और खजूर के लिए भी यह बारिश फायदेमंद साबित होगी।
फसलों को हुआ लाभ
किसान नानूराम गरूवा (राजडू): बारिश ने उम्मीदों को फिर से जीवित कर दिया है। अनार, मोठ, ग्वार और मूंगफली के लिए यह बहुत फायदेमंद है।
किसान वीरेंद्र लुणू (बेलासर): इस समय फसलों में फल लगने शुरू हो गए हैं, और सिंचाई की सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है। यह बारिश बहुत ज़रूरी थी।
किसान गोरधन राम मेघवाल (समन्दसर): बारिश से फसलों में अच्छी बढ़त होगी और फल भी ज़्यादा लगेंगे। साथ ही, कीट रोगों से भी बचाव होगा।
किसान पृथ्वीराज कासनिया (खाजूवाला): यह बारिश बारानी फसलों के साथ-साथ कपास और मूंगफली के लिए भी वरदान है।
यह बारिश न केवल फसलों के लिए संजीवनी है, बल्कि किसानों के चेहरे पर भी मुस्कान लौटा लाई है।
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