भारत अखंड, एकजुट और संविधान समर्थ : मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई

CJI BR Gavai: India United and Strong Despite Challenges
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  • मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने संविधान और बाबा साहेब के योगदान पर प्रकाश डाला
  • भारत की अखंडता, एकजुटता और लोकतंत्र की सुरक्षा पर जोर
  • मां अमृता देवी और पर्यावरण संरक्षण के आदर्शों को किया याद

India United and Strong Despite Challenges :  उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने बीकानेर में कहा कि आज हमारे पड़ोसी देशों में अस्थिरता के बावजूद भारत अखंड, एकजुट और मजबूत है। उनका कहना था कि इसका श्रेय हमारे संविधान और उसके निर्माता, विशेष रूप से बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर को
जाता है।

गवई महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय में आयोजित ‘संविधान निर्माण के 75 वर्ष और बाबा साहेब की भूमिका’ विषयक सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ, और आज इसका 75वां वर्ष पूर्ण हो गया है। बाबा साहेब ने संविधान में सामाजिक और आर्थिक समानता, “वन पर्सन, वन वोट, वन वेल्यू” जैसे सिद्धांतों को स्थापित किया।

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मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि देश ने इस अवधि में प्रगति के कई मुकाम हासिल किए हैं। संविधान ने वंचित वर्ग और महिलाओं को सर्वोच्च पदों तक पहुँचने का अवसर प्रदान किया है। देश के हर कोने में सड़क, पानी, बिजली और शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाएं पहुंचीं। उन्होंने मां अमृता देवी के पर्यावरण संरक्षण के लिए बलिदान का भी स्मरण किया और कहा कि उनके आदर्श आज भी प्रासंगिक हैं, जिनका अनुसरण बिश्नोई समाज करता है।

केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने अमेरिका और ब्रिटेन के लंबी चुनौतियों की तुलना करते हुए कहा कि बाबा साहेब के संविधान ने महिलाओं और पुरुषों को बराबरी का मतदान अधिकार दिया। उन्होंने बीकानेर के स्व. जसवंत सिंह दाऊदसर के योगदान का स्मरण किया।

कार्यक्रम में उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, विधि विद्यार्थी, जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे। मुख्य न्यायाधीश और केंद्रीय मंत्री ने संविधान, बाबा साहेब और महाराजा गंगासिंह की प्रतिमा के समक्ष पुष्प अर्पित किए।