नवरंगसिंह जाखड़ : समाज और राजनीति के योद्धा को अंतिम विदाई

Farewell to Navarangsinh Jakhar: A Leader and Social Reformer
image source: via X (twitter)
  • पूर्व विधायक नवरंगसिंह जाखड़ का पैतृक गांव में अंतिम संस्कार
  • समाज सुधार और आंदोलनों में हमेशा अग्रणी रहे जाखड़
  • जनसैलाब ने दी अंतिम विदाई, नेताओं और अधिकारियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की

नवलगढ़ क्षेत्र के पूर्व विधायक और किसान नेता नवरंगसिंह जाखड़ के निधन की खबर से पूरे इलाके में गहरा शोक छा गया। शुक्रवार देर रात उनकी तबीयत बिगड़ी और उन्होंने अंतिम सांस ली। शनिवार दोपहर उनके पैतृक गांव घोटू जाखड़ की ढाणी (धमोरा) में अंतिम संस्कार हुआ, जहां हजारों लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे।

जाखड़ को उनके बेटों रामावतार सिंह जाखड़, संजय जाखड़ और सुनील जाखड़ ने मुखाग्नि दी। इस मौके पर नवलगढ़ विधायक विक्रम जाखल, पूर्व विधायक शुभकरण चौधरी, पूर्व आईएएस रामस्वरूप जाखड़, भाजपा जिला उपाध्यक्ष प्यारे लाल डूकिया, समाजसेवी हरि सिंह गोदारा, पूर्व प्रधान विद्याधर ओलखा, भाजपा युवा नेता संजय जाखड़, महावीर जाखड़ सहित कई जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पुष्प अर्पित कर नमन किया।

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नवरंगसिंह जाखड़ सिर्फ एक राजनीतिक नेता नहीं थे, बल्कि सामाजिक आंदोलनों के भी अग्रदूत रहे। 1979 में विधानसभा के सामने आमरण अनशन कर उन्होंने शराबबंदी लागू करवाई। दिवराला सती प्रकरण को उजागर करने में उनकी निर्णायक भूमिका रही, जिससे सती प्रथा पर कानून बनने का रास्ता खुला।

उन्होंने दहेज, मृत्युभोज और बाल विवाह जैसी कुरीतियों के खिलाफ निरंतर आवाज उठाई। राजस्थान में शराबबंदी लागू करने की मांग को लेकर जाखड़ पिछले डेढ़ साल से अन्न का त्याग किए हुए थे, लेकिन सरकार ने उनकी मांगों पर सुनवाई नहीं की। समाज के हर वर्ग के लिए कार्यरत रहने वाले इस योद्धा को आज पूरा क्षेत्र श्रद्धांजलि दे रहा है।