राजस्थान विधानसभा का चतुर्थ सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित : अधिकांश प्रश्न और प्रस्तावों के उत्तर प्राप्त

राजस्थान विधानसभा का चतुर्थ सत्र
राजस्थान विधानसभा का चतुर्थ सत्र

जयपुर। राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सोलहवीं विधानसभा के चतुर्थ सत्र को बुधवार को मध्यान्ह पश्चात 4:58 बजे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। सत्र के समापन पर राष्ट्रगान हुआ। यह सत्र सोमवार, 1 सितम्बर से शुरू हुआ था और कुल 6 बैठकें आयोजित की गईं, जिनमें 18 घंटे 40 मिनट तक कार्यवाही चली।

प्रश्नों पर उपलब्धियां

अध्यक्ष देवनानी ने बताया कि पहले तीन सत्रों में 91.5 प्रतिशत प्रश्नों के उत्तर विधानसभा को प्राप्त हो चुके हैं।

  • प्रथम सत्र: 2,098 में से 2,073 प्रश्नों के उत्तर।
  • द्वितीय सत्र: 7,945 में से 7,657 प्रश्नों के उत्तर।
  • तृतीय सत्र: 9,701 में से 8,351 प्रश्नों के उत्तर।

चतुर्थ सत्र में कुल 3,008 प्रश्न प्राप्त हुए, जिनमें 1,237 तारांकित, 1,770 अतारांकित और 1 अल्प सूचना प्रश्न शामिल हैं। कुल 120 तारांकित प्रश्न सूचीबद्ध हुए, जिनमें से 53 प्रश्न मौखिक रूप से पूछे गए और उनके उत्तर दिए गए। अतारांकित प्रश्नों में से 119 प्रश्न सूचीबद्ध हुए।

ध्यानाकर्षण और विशेष उल्लेख प्रस्ताव

  • नियम-131 के तहत 1,686 ध्यानाकर्षण प्रस्तावों में से 1,575 के उत्तर प्राप्त हुए (लगभग 78%)।
  • नियम-295 के तहत 337 विशेष उल्लेख प्रस्तावों में से 307 के उत्तर प्राप्त हुए (लगभग 94%)।

तीनों सत्रों में कुल 651 विशेष उल्लेख प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिनमें से 615 के उत्तर मिले और केवल 36 लंबित हैं।

स्थगन प्रस्ताव और विधायी कार्यवाही

नियम-50 के तहत 134 स्थगन प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिनमें से 21 पर सदन में बोलने का अवसर मिला और 17 विधायकों ने अपने विचार प्रस्तुत किए। इस सत्र में कुल 10 विधेयक पारित किए गए और 1 विधेयक वापस लिया गया। विधायकों से प्राप्त 161 संशोधन प्रस्तावों में 115 स्वीकार किए गए और 46 अग्राह्य रहे। पिछले सत्र में कुल 12 विधेयक प्रस्तुत किए गए थे, जिनमें से 10 पारित और 3 प्रवर समिति को सुपुर्द किए गए। विधायकों से प्राप्त 210 संशोधन प्रस्तावों में से 171 स्वीकार किए गए और 39 अग्राह्य रहे।

अध्यक्ष का बयान

देवनानी ने कहा कि लगातार समीक्षा और प्रक्रिया में सुधार के कारण विधानसभा को समय पर अधिक संख्या में प्रश्नों और प्रस्तावों के उत्तर प्राप्त हो रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि विधायी कार्यों की पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने के प्रयास लगातार जारी रहेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि इस सत्र में विधायकगण द्वारा कुल 267 पर्चियां प्रस्तुत की गईं, जिनमें से 20 पर्चियां शलाका द्वारा चयनित हुईं और संबंधित विधायकों ने अपने विचार सदन के समक्ष रखे।

सोलहवीं राजस्थान विधानसभा का चतुर्थ सत्र विधायी दृष्टि से काफी सफल रहा, जिसमें अधिकांश प्रश्नों और प्रस्तावों के उत्तर समय पर प्राप्त हुए। स्थगन प्रस्तावों और संशोधन प्रस्तावों पर सदस्यों की सक्रिय भागीदारी देखी गई। विधायी कार्यों में पारदर्शिता और प्रक्रिया सुधार को बढ़ावा देने के प्रयास जारी हैं।

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