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12वां आईएचएचए एनुअल कन्वेंशन और 24वीं एनुअल जनरल मीटिंग
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राजस्थान की उप मुख्यमंत्री एवं पर्यटन मंत्री दिया कुमारी करेंगी उद्घाटन
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आईएचएचए के एनुअल कन्वेंशन में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत करेंगे शिरकत
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कासल कानोता में 6 से 7 सितंबर को होगा आयोजन
जयपुर। इंडियन हेरिटेज होटल्स एसोसिएशन (आईएचएचए) ने भारत सरकार के पर्यटन मंत्री, गजेन्द्र सिंह शेखावत को एक ज्ञापन सौंपकर विदेशी पर्यटकों के लिए जीएसटी हटाने की मांग की है। इस कदम से इनबाउंड टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा, जिससे भारत को दक्षिण-पूर्व एशिया और इजराइल जैसे गंतव्यों के साथ अधिक प्रभावी ढंग से प्रतिस्पर्धा करने में मदद मिलेगी। इससे अमेरिकी टैरिफ के मौजूदा मुद्दों से उत्पन्न विदेशी मुद्रा घाटे की भरपाई में भी मदद मिलेगी। यह बात आईएचएचए के सेक्रेटरी जनरल, कैप्टन गज सिंह अलसीसर ने आज अलसीसर हवेली में 12वें आईएचएचए एनुअल कन्वेंशन से पहले आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही।
इंडियन हेरिटेज होटल्स एसोसिएशन (आईएचएचए) की 24वीं एनुअल जनरल मीटिंग और 12वां एनुअल कन्वेंशन इस वर्ष जयपुर स्थित कासल कानोता में 6 से 7 सितंबर को आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम में पूरे भारत से लगभग 150 हेरिटेज होटेलियर्स के शामिल होने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि पैन इंडिया कुल 206 हेरिटेज होटल्स हैं, जिसमें से राजस्थान में करीब 140 हेरिटेज होटल्स हैं। कैप्टन अलीसार ने आगे बताया कि पिछले वर्ष हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा देने के लिए की गई आईएचएचए की मांग को केंद्र सरकार ने स्वीकार कर लिया है और इसे अपने बजट में घोषित भी कर दिया गया है। साथ ही, इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।
आईएचएचए कमेटी सदस्य, शत्रुंजय सिंह ने कहा कि इस वर्ष के आईएचएचए कन्वेंशन की थीम ‘रोमांटिक हेरिटेज’ है। उन्होंने कहा कि हेरिटेज प्रॉपर्टीज में स्वाभाविक रूप से रोमांस की भावना समाहित होती है, जो उनकी कलिनरी परम्पराओं, म्यूजिक, आर्किटेक्चर और इक्वेस्ट्रियन संस्कृति में प्रतिबिम्बित होती है। यही विशेषताएं ट्रैवलर्स के लिए अद्वितीय गंतव्य बनाती हैं। कासल कानोता के संरक्षक पृथ्वी सिंह कानोता और प्रताप कानोता ने जानकारी दी कि एनुअल कन्वेंशन के पहले दिन 6 सितंबर (शनिवार) को राजस्थान की उप मुख्यमंत्री एवं पर्यटन मंत्री, दिया कुमारी दीप प्रज्वलित कर एग्जीबिशन का उद्घाटन करेंगीं।
इस अवसर पर आईएचएचए के प्रेसिडेंट एमिरेट्स, एचएच महाराजा गज सिंह; आईएचएचए के महासचिव, कैप्टन गज सिंह अलसीसर; आईएचएचए के उपाध्यक्ष, स्टीव बोर्जिया सहित राजस्थान सरकार के पर्यटन अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे। उद्घाटन सत्र के दौरान संजीव विद्यार्थी द्वारा ‘रिवाइवल ऑफ हेरिटेज आर्किटेक्चर’ विषय पर चर्चा आयोजित होगी। इसके पश्चात, अभिमन्यु सिंह अलसीसर द्वारा राजस्थान के लोक संगीत पर एक डॉक्यूमेंट्री प्रस्तुत की जाएगी। इसके अतिरिक्त, वीर विजय सिंह डुंडलोद द्वारा ‘होटल ऑपरेशंस’ पर एक संवाद और सोलर एज टेक्नोलॉजीस द्वारा एक प्रजेंटेशन प्रस्तुत की जाएगी।
केंद्रीय पर्यटन मंत्री, गजेंद्र सिंह शेखावत करेंगे शिरकत
दिन के दौरान एग्जीक्यूटिव कमेटी की बैठक होगी, जिसमें भारत सरकार के पर्यटन मंत्री, गजेंद्र सिंह शेखावत शिरकत करेंगे और सदस्यों को संबोधित करेंगे। इस बैठक में केवल एग्जीक्यूटिव कमेटी के सदस्य हिस्सा लेंगे। बैठक के बाद जनरल अमर सिंह की लाइब्रेरी और म्यूजियम का भ्रमण भी कराया जाएगा। जिसके बाद, मर्दाना बाग में जनरल अमर सिंह पर एक डॉक्यूमेंट्री प्रदर्शित की जाएगी।
आईएचएचए की एनुअल जनरल मीटिंग (7 सितंबर)
इसी प्रकार, 7 सितंबर (रविवार) को पहले आईएचएचए की 24वीं एनुअल जनरल मीटिंग का उद्घाटन समारोह आयोजित होगा। इसके दौरान, आईएचएचए की मीटिंग और चुनाव भी आयोजित किए जाएंगे।
सेशन एवं टॉक
इसी कड़ी में 7 सितंबर (रविवार) को “पर्यटन का भविष्य” विषय पर एक महत्वपूर्ण पैनल चर्चा होगी। इस सत्र में राजस्थान के प्रतिष्ठित प्रतिनिधि एम.के जयदेव सिंह कोटा, अविजीत सिंह रोहेट, भाग्यदित्य सिंह देवगढ़ और मोरमुकुट सिंह कानोता अपने विचार साझा करेंगे। इसके पश्चात, कई विचारोत्तेजक टॉक सत्र आयोजित किए जाएंगे। इनमें ‘मार्केटिंग ट्रूली इंडिया’ विषय पर संवाद, यदुवीर बेरा द्वारा ‘बेरा जैकेट्स’ पर संवाद, तथा भारत सिंह द्वारा ‘ओल्ड सिटी ऑफ जयपुर’ विषय पर एक रोचक संवाद शामिल हैं। साथ ही, कंवररानीसा विदुषी पाल सिंह कानोता अपनी कलिनरी यात्रा के अनुभव साझा करेंगी।
इसके उपरांत, अनिल कुमार द्वारा ‘हेरिटेज लिकर’ पर एक जानकारीपूर्ण सत्र होगा, जिसमें वे भारत की पारंपरिक पेय विरासत पर प्रकाश डालेंगे। इसके बाद दो अन्य विषयों पर पैनल चर्चा आयोजित होगीं। जिसमें पहले, संयुक्ता सिंह अलसीसर; नीमराना होटल्स से सोनावी कैकर; शान भटनागर और देव्यानी भटनागर ‘रिवाइविंग द डाइंग आर्ट एंड क्राफ्ट’ विषय पर चर्चा करेंगे। इसके बाद, रघुवेंद्र सिंह डुंडलोद, अंगद देव मंडावा, ओलिवर सिंक्लेयर और महिराज सिंह चनौद द्वारा ‘होर्स सफारी एंड रुरल टूरिज्म’ पर अपने विचार साझा करेंगे। कार्यक्रम आईएचएचए के संयुक्त सचिव, पृथ्वी सिंह कानोता द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ संपन्न होगा।
उद्देश्य
आईएचएचए का उद्देश्य देश में हेरिटेज पर्यटन को पुनर्जीवित करने के लिए रोडमैप तैयार करने हेतु युवा और सतत ऊर्जा का संचार करना है। इसके लिए न केवल युवा पीढ़ी को लीडरशिप के लिए प्रेरित करना है, बल्कि यह भी देखना है कि आईएचएचए किस प्रकार विश्वभर में हेरिटेज पर्यटन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण और सार्थक भूमिका निभा सकता है। कन्वेंशन के दौरान इस पर चर्चा होगी की किस प्रकार हेरिटेज होटल्स को देश-विदेश में बेहतर स्ट्रैटेजी के साथ मार्केट किया जाए, जिससे देश में हेरिटेज टूरिज्म को बढ़ावा मिल सके।
आईएचएचए और हेरिटेज टूरिज्म मूवमेंट के बारे में
देश में हेरिटेज होटल्स पर्यटन की दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बना चुके हैं। इन हेरिटेज होटलों और प्रॉपर्टीज के संरक्षण और पुनरुद्धार के उद्देश्य के लिए इंडियन हेरिटेज होटल्स एसोसिएशन (आईएचएचए) वर्ष 1990 में केवल 14 सदस्यों के साथ अस्तित्व में आया और सितंबर 2018 तक यह संख्या बढ़कर 193 हो गई। एसोसिएशन में 200 से अधिक सदस्य शामिल हो गए हैं, जो सभी भारत की समृद्ध विरासत को संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। 1 जनवरी, 1990 को भारत सरकार के पर्यटन और संस्कृति विभाग द्वारा विरासत वर्गीकरण को मान्यता मिली। इस प्रकार आईएचएचए का गठन 1990 में हुआ था और इसे 2001 में पंजीकृत किया गया था। भारत सरकार ने जनवरी 1991 में हेरिटेज होटलों को एक अलग श्रेणी के रूप में मान्यता दी और हेरिटेज होटलों को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया।
‘हेरिटेज’, ‘हेरिटेज क्लासिक और ‘हेरिटेज ग्रैंड’। आईएचएचए किलों, महलों, पुराने भवनों, महलों और पारंपरिक हवेलियों के संरक्षण और पुनरुद्धार के लिए समर्पित रूप से काम कर रहा है। एसोसिएशन न केवल हेरिटेज हॉस्पिटैलिटी में मानक स्थापित कर रहा है, बल्कि हेरिटेज क्लासीफिक्शन गाइडलाइंस भी निर्धारित कर रहा है और इनबाउंड पर्यटन बाजार में हेरिटेज टूरिज्म को बढ़ावा दे रहा है। गौरतलब है कि भारत की समृद्ध, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और आर्किटेक्चरल हेरिटेज को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से इसके द्वारा पहला एनुअल कन्वेंशन 21 और 22 सितम्बर 2012 को रणथम्भौर में आयोजित किया गया था।
ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर
आईएचएचए का प्राथमिक मिशन पूरे भारत में हेरिटेज होटलों के संरक्षण और पुनरुद्धार के माध्यम से हेरिटेज पर्यटन को बढ़ावा देना है। हेरिटेज होटल्स केवल ठहरने के स्थान ही नहीं, बल्कि देश की समृद्ध सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और स्थापत्य विरासत के संरक्षक हैं। इन संपत्तियों को पुनर्जीवित करके, आईएचएचए पारंपरिक कला, शिल्प, संगीत और लोककथाओं को पुनर्जीवित करने के लिए बढ़ावा भी देता है, जिससे कारीगरों और शिल्पकारों को भी अपने कौशल का प्रदर्शन करने का अवसर प्राप्त हो। यह पहल न केवल पर्यटन के लिए बल्कि देश के विभिन्न क्षेत्रों व हिस्सों की सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखने के लिए भी महत्वपूर्ण है।
सतत विकास और सामुदायिक सहभागिता
आईएचएचए विरासत पर्यटन में सामुदायिक भागीदारी के महत्व को समझते हुए पर्यटन पहलों में स्थानीय समुदायों को शामिल करने में विश्वास रखता है। इससे लोगों में अपनी विरासत के प्रति स्वामित्व और गौरव की भावना बढ़ती है, जिससे सतत विकास और रोजगार सृजन भी संभव होता है। आईएचएचए की भविष्य की योजनाओं में स्थानीय समुदायों को सहायता देने के लिए सरकारी निकायों के साथ सहयोग करना, ‘रिस्पॉन्सिबल पर्यटन’ को बढ़ावा देना, तथा विरासत पर्यटन के लाभ समान रूप से वितरित हों, यह सुनिश्चित करना शामिल है।
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