- पहला प्राचार्य सम्मेलन : एमडीज़ेटीआई में ट्रेनिंग सुधार की नई पहल
- सिमुलेटर व केस स्टडीज़ : प्रशिक्षण को संवादात्मक और व्यावहारिक बनाने पर जोर
- साझा प्लेटफॉर्म : सभी संस्थानों के प्रशिक्षण वीडियो एक स्थान पर उपलब्ध
Indian Railways जयपुर। भारतीय रेल ने कर्मचारियों के प्रशिक्षण ढांचे को आधुनिक और गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए पहली बार मल्टी डिसिप्लिनरी ज़ोनल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स (एमडीज़ेटीआई) के प्राचार्यों का सम्मेलन आयोजित किया। यह सम्मेलन ट्रैफिक निदेशालय के मार्गदर्शन में 16 सितम्बर को हुआ।
देशभर में वर्तमान में 14 एमडीज़ेटीआई संस्थान हैं, जो नए भर्ती कर्मचारियों को शुरुआती कोर्स और कार्यरत स्टाफ को समय-समय पर रिफ्रेशर ट्रेनिंग देते हैं। सम्मेलन में प्रमुख रूप से केस स्टडीज़ के उपयोग पर चर्चा हुई, जिससे ट्रेन संचालन और सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं को बेहतर ढंग से समझाया जा सके।
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प्रशिक्षण को ज्यादा संवादात्मक और रोचक बनाने के लिए सिमुलेटर के उपयोग को बढ़ाने पर भी विचार किया गया। साथ ही प्रशिक्षण की प्रभावशीलता के लिए नियमित फीडबैक लेने और विभिन्न संस्थानों द्वारा तैयार किए गए प्रशिक्षण व लेक्चर वीडियो को साझा प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया, जिससे कर्मचारियों को गुणवत्तापूर्ण सामग्री एक ही स्थान पर मिल सके।
सम्मेलन के दौरान एमडीज़ेटीआई प्राचार्यों ने दिल्ली मेट्रो रेल अकादमी का दौरा किया, जहां उन्होंने मेट्रो रेल प्रशिक्षण पद्धतियों, कैब, बोगी और सिग्नलिंग सिस्टम के सिमुलेटर, ऑटोमैटिक दरवाजा सिस्टम और आपातकालीन निकासी प्रक्रिया की प्रशिक्षण विधियों का अवलोकन किया।
यह सम्मेलन भारतीय रेल की आधुनिक, व्यवहारिक और उच्च गुणवत्ता वाले प्रशिक्षण ढांचे की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इससे स्टाफ की दक्षता बढ़ेगी और सुरक्षित व सुचारु रेल संचालन को सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।