बाल अधिकारों और बाल श्रम के दुष्प्रभावों पर व्यावसायिक समुदाय को सूचित और जागरूक करें- राजस्थान चैम्बर

राजस्थान मल्टीस्टेक होल्डर फोरम
राजस्थान मल्टीस्टेक होल्डर फोरम

जयपुर। राजस्थान मल्टीस्टेक होल्डर फोरम ने राजस्थान चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री-आरसीसीआई के मुख्यालय में बाल श्रम के मुद्दों पर महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक की अध्यक्षता आरसीसीआई के अध्यक्ष डॉ. के-एल जैन ने की। व्यापारिक समुदाय के हितधारक, गैर सरकारी संगठन बैठक में शामिल हुए और विभिन्न व्यावसायिक क्षेत्रों की असंगठित आपूर्ति श्रृंखलाओं में बाल श्रम को समाप्त करने की रणनीति पर चर्चा की।

बाल श्रम को समाप्त करने की जरूरत

 बाल श्रम
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राजस्थान चैम्बर के मानद महासचिव डॉ. अरुण अग्रवाल ने बच्चों को श्रम में शामिल होने से बचाने के लिए सामूहिक कार्रवाई पर जोर देते हुए कहा कि बाल श्रम को समाप्त करने के लिए सामूहिक कार्रवाई की आवश्यकता है। राजस्थान मल्टीस्टेक होल्डर फोरम ऑन चाइल्ड लेबर एनजीओ, बिजनेस और सरकार का एक साझा फोरम है, जिसका नेतृत्व सेव द चिल्ड्रन कर रहा है। इस फोरम ने बाल श्रम के मुद्दों पर मल्टीस्टेक होल्डर संवाद शुरू किया है।

प्रयासों की सराहना की

राजस्थान चैम्बर के सदस्यों ने बाल श्रम प्रथाओं को रोकने के लिए सरकार, गैर सरकारी संगठनों और व्यापार के समन्वय को लेकर फोरम के प्रयासों की सराहना की। डॉ. केएल जैन ने कहा, बाल श्रम हमारे समाज के लिए चिंता का विषय है। इससे बच्चों का बचपन छिन जाता है, जो हमारे समाज और देश के लिए अपूरणीय क्षति है। राजस्थान चैम्बर और इसके सदस्य बाल श्रम को रोकने के लिए गैर सरकारी संगठनों और सरकार का समर्थन करने को प्रतिबद्ध हैं। सेंटर फॉर चाइल्ड प्रोटेक्शन के फहीम ने कहा, अधिकांश बाल श्रमिक बिहार जैसे अन्य राज्यों से हैं। वे विभिन्न असंगठित व्यावसायिक क्षेत्रों में लगे हैं, इसलिए बाल श्रम के मुद्दों पर व्यापारिक समुदाय के साथ जुडऩा और उनके व्यवसायों में सख्त अनुपालन की मांग करना आवश्यक है। विजय गोयल ने कहा, असंगठित व्यवसायी समुदाय को घोषणा करनी चाहिए और शपथ लेनी चाहिए कि उनका व्यवसाय और आपूर्ति श्रृंखला पूरी तरह बालश्रम मुक्त है।

जागरूकता बढ़ाने में समर्थन का आश्वासन

 बाल श्रम
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अध्यक्ष, जयपुर व्यापार महासंघ और मानद सचिव राजस्थान चैम्बर सुभाष गोयल ने कहा, बाल श्रम हम सभी के लिए गंभीर चिंता का विषय है। असंगठित व्यापार क्षेत्रों में बाल श्रम प्रथाओं को रोकने के लिए इसे गंभीरता से लेना चाहिए। उन्होंने पूरे राजस्थान राज्य में विभिन्न व्यापारिक संघों के बीच जागरूकता बढ़ाने में समर्थन का आश्वासन दिया।

मानद महासचिव, राजस्थान चैम्बर बीबी शर्मा ने सुझाव दिया कि बालश्रम के मुद्दों की पहचान करने के लिए बालश्रम सर्वेक्षण किया जाना चाहिए। बालश्रम के मुद्दों पर सामुदायिक स्तर पर जागरूकता बढ़ाने के लिए स्थानीय पार्षदों को शामिल किया जाना चाहिए। चूंकि, गरीबी को एक प्रमुख कारण माना जाता है जो बच्चों को श्रमिक कार्यबल की ओर ले जाता है। हमें बच्चों और उनके परिवारों को विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोडऩे की आवश्यकता है, जो परिवारों को वित्तीय समस्याओं से उबारने में मदद कर सकती है। इस मल्टीस्टेक होल्डर बैठक में यह निर्णय लिया गया कि व्यवसाय समुदाय अपने व्यवसाय को बाल श्रम मुक्त घोषित करे। बाल अधिकारों और बाल श्रम के मुद्दों पर व्यवसाय समुदाय के बीच विभिन्न माध्यमों से जागरूकता बढ़ाई जाए।

राजस्थान चैम्बर ने बाल श्रम के मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने के लिए पोस्टर भी लॉन्च किया। पोस्टर विमोचन में सचिव राजस्थान चैम्बर, दिनेश कानूनगो, एमजीडी मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष भूपत राय, सचिव नितिन शारदा, आरएससीपीसीआ की पूर्व सदस्य नुसरत नकवी, सेव दी चिल्ड्रेन के अजाज अहमद, प्रयास संस्था के अजय शर्मा और दीप बनर्जी और अन्य एनजीओ सदस्य शामिल हुए।

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