जयपुर। नेशनल मेडिकल काउंसिल (NMC) के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए, राजस्थान के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब राज्य के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी के लिए आधार-आधारित बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है। इस आदेश के बाद, जयपुर, अजमेर, कोटा, बीकानेर, जोधपुर और उदयपुर जैसे शहरों के मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाने वाले सभी फैकल्टी सदस्यों को बायोमेट्रिक सिस्टम के माध्यम से अपनी हाजिरी दर्ज करनी होगी।
जारी आदेशों के अनुसार, फैकल्टी की उपस्थिति बायोमेट्रिक अटेंडेंस के आधार पर ही दर्ज होगी, और इसी रिकॉर्ड को सरकार को भेजा जाएगा। उनका वेतन और अन्य भत्ते इसी अटेंडेंस के आधार पर तय किए जाएंगे। ये नए नियम इसी महीने से सभी मेडिकल कॉलेजों में लागू कर दिए गए हैं।
हालांकि, जयपुर के सबसे बड़े एसएमएस मेडिकल कॉलेज में यह व्यवस्था पहले से ही लागू है। यहां न केवल फैकल्टी सदस्यों बल्कि अन्य स्टाफ की उपस्थिति भी बायोमेट्रिक प्रणाली के माध्यम से ही दर्ज की जाती है। इस कदम से मेडिकल कॉलेजों में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ने की उम्मीद है।
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