जयपुर। मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कहा कि प्रदेश में आधार के दुरूपयोग एवं इससे होने वाले साइबर फ्रॉड को रोकने के लिए एआई (अर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) का उपयोग किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बाल आधार (5 साल तक के बच्चे का आधार) सैचुरेशन को बढ़ाने के लिए सम्बंधित सभी विभाग आवश्यक कार्यवाही में तेजी लाए एवं लंबित कार्यों को शीघ्र सम्पादित करें।
मुख्य सचिव सुधांश पंत गुरुवार को शासन सचिवालय में आयोजित यूआईडी कार्यान्वयन समिति (यूआईडीआईसी) की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आधार की विश्वसनीयता को बनाये रखने के लिए तकनीक के इस दौर में एआई का उपयोग कर आधार से सम्बंधित साइबर फ्रॉड को रोका जा सकता है। उन्होंने अधिकारियों को इस दिशा में आवश्यक प्रयास करने के लिए निर्देशित किया।
बैठक में पंत ने बाल नामांकन को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा विभाग तथा महिला एवं बाल विकास विभाग को आवश्यक कार्यवाही के दिशा निर्देश दिए। उन्होने कहा कि 5 वर्ष तक आयु के बच्चों के आधार नामांकन के लिए प्रदेश में प्री—स्कूल और आंगनबाड़ियों में विशेष अभियान चला कर जागरूकता फैलाई जाए। प्रदेश के सरकारी एवं निजी विद्यालयों को इस सम्बन्ध में निर्देशित कर आधार नामांकन में वृद्धि की जाए। उन्होंने कहा कि विभिन्न आईईसी गतिविधियों के माध्यम से इस दिशा में व्यापक प्रचार-प्रसार कर माता-पिता को बाल आधार नामांकन के लिए प्रोत्साहित किया जाए।
मुख्य सचिव ने प्रशिक्षण कार्यक्रमों के संचालन पर भी विशेष ध्यान देने के लिए निर्देशित किया। पंत ने सम्बंधित विभागों को आधार नामांकन एवं अपडेशन की प्रक्रिया में आवश्यक अन्य दस्तावेजों के भी डिजिटाइजेशन के लिए निर्देश दिए। बैठक में निदेशक, क्षेत्रीय कार्यालय, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण, नई दिल्ली, कुमार उज्ज्वल ने राज्य में आधार सैचुरेशन की स्थिति एवं अन्य आवश्यक विषयों पर चर्चा की । शासन सचिव, सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार, अर्चना सिंह ने इस सम्बन्ध में नोडल विभाग द्वारा किये जा रहे प्रयासों एवं प्रगति की जानकारी दी।