आईवीएफ डे पर गर्भ संस्कार की चर्चा

आईवीएफ डे
आईवीएफ डे

जयपुर। शुक्रवार को महात्मा गांधी अस्पताल में आईवीएफ डे जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस अवसर मुख्य वक्ता डॉ. मंजु गुप्ता, नई दिल्ली ने गर्भ संस्कार विषय पर विस्तृत जानकारी दी। वे पिछले 30 वर्षों से ब्रह्माकुमारी आध्यात्मिक संस्था से जुडी हैं। उन्होंने कहा कि गर्भ धारण तथा गर्भावस्था एक महिला के लिए प्रकृति की सबसे बडी देन होती है। गर्भ संस्कार का महत्व बताते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे समय में माता के खानपान, आचरण, खुशनुमा भावनाओं का गर्भस्थ शिशु पर सीधा असर होता है। उन्होंने महाभारत काल में अभिमन्यू का उदाहरण भी दिया जिन्होंने गर्भ में ही चक्रव्यूह यु़द्धनीति की जानकारी हासिल कर ली थी। ऐसे समय में माता को संतुलित आहार, व्यायाम तथा विश्राम के बीच सामंजस्य स्थापित कर सकारात्मक वातावरण के जरिये मनचाही गुणवान संतान प्राप्त की जा सकती है।

डिपार्टमेंट ऑफ रि-प्रोडक्टिव मेडिसिन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष डॉ. मनीषा चौधरी ने बताया कि समाज में बदलते परिवेश, रहन सहन, खान पान के चलते निःसंतानता बढ रही है। क्लिनिकल अनुभवों के आधार पर देखा जा रहा है कि हर छठा नवविवाहित दम्पत्ति निःसंतानता से जूझ रहा है। इसकी वजह देर से विवाह, जननांगों की टीबी, आरामतलब जिंदगी तथा मोटापा आदि प्रमुख हैं। आईवीएफ के जरिये निःसंतानता उपचार में 40ः प्रतिशत तक सफलता मिल रही है।

महात्मा गांधी मेडिकल यूनिवर्सिटी के चेयरमैन डॉ. विकास चन्द्र स्वर्णकार ने कहा कि उत्तर भारत में पहले टैस्ट ट्यूब बेबी डॉ. एम एल स्वर्णकार जयपुर फर्टिलिटी सेंटर पर जन्म दिया। अब तक 30000 से अधिक टैस्ट ट्यूब बेबीज को जन्म दिया जा चुका है। उन्होंने कहा कि गर्भवती के सद्आचरण का शिशु के व्यक्तित्व पर सीधा असर होता है। हमें पौराणिक जीवन मूल्यों को अपनाना चाहिए। उन्होंने गर्भवती के शारीरिक पोषण, आध्यात्मिक शुद्धता पर जोर दिया।

एमेरिटस चेयरमैन डॉ. एम एल स्वर्णकार ने कहा कि गर्भावस्था माता के लिए एक तपस्या होती है जिसमें उत्तम आचार -विचार के जरिये आने वाले बच्चे तक सद्संस्कार पहुंचाये जा सकते हैं। कार्यक्रम में डॉ. अचल गुलाटी ने भी अपने विचार रखे।कार्यक्रम में डॉ. एन डी सोनी, डॉ. शीला शर्मा, ब्रह्रमाकुमारी कल्पना दीदी, डॉ. उषा शेखावत, डॉ. स्वाती गर्ग, डॉ. विजय नाहटा, डॉ हेमन्त मल्होत्रा, डॉ एस एस जायसवाल, डॉ. जया चौधरी, डॉ समता बाली, डॉ. संगीता शर्मा, डॉ. सना अशफाक नकाश सहित बडी संख्या में चिकित्सक उपस्थित थे।