जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री ने बुधवार को अपने आवास पर मीडिया से बातचीत में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से कन्हैयालाल हत्याकांड को लेकर कड़ा सवाल किया। उन्होंने कहा कि तीन साल बाद भी इस अत्यंत संवेदनशील और राष्ट्रीय स्तर पर झकझोर देने वाले मामले में न्याय नहीं मिल पाया है, जो प्रदेशवासियों की पीड़ा और असंतोष को दर्शाता है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “चार घंटे में आरोपियों को पकड़ लिया गया था और उसी रात यह केस राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दिया गया। हमने कोई आपत्ति नहीं की, लेकिन आज तीन वर्ष बीत जाने के बाद भी NIA कोर्ट में अब तक एक भी गवाह का बयान नहीं हुआ है। कोर्ट तक में नियमित जज नहीं बैठते। परिवार और पूरे प्रदेश की जनता आज भी इंसाफ की बाट जोह रही है।”
“यह केवल एक परिवार का नहीं, पूरे प्रदेश का मामला है”
उन्होंने कहा कि यह घटना सिर्फ कन्हैयालाल के परिवार की नहीं थी, यह पूरे प्रदेशवासियों की पीड़ा थी, जिसने हर वर्ग, हर समुदाय को झकझोर दिया था। उन्होंने सवाल किया कि आखिर इतनी गंभीर घटना के दोषियों को अब तक सजा क्यों नहीं मिल पाई।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने तत्परता दिखाते हुए तत्काल कार्रवाई की थी। “हमने दोनों बच्चों को नौकरी दी, 50 लाख रुपये का पैकेज दिया, जो आज़ादी के बाद पहली बार किसी पीड़ित परिवार को मिला। फिर भी चुनाव में इस मुद्दे को तोड़-मरोड़कर हमारे खिलाफ इस्तेमाल किया गया।”
“झूठ फैलाया गया, जनता को गुमराह किया गया”
पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि “चुनाव के दौरान झूठा प्रचार किया गया कि हमने मुस्लिम को 50 लाख और हिंदू को 5 लाख दिए। जबकि हकीकत इसके बिल्कुल उलट थी। इतना बड़ा झूठ बोला गया, और बोलने वालों में गृह मंत्री अमित शाह भी प्रमुख थे। इसका हमें चुनाव में बड़ा नुकसान भी हुआ।”
“आज अमित शाह राजस्थान आए हैं, जवाब दें”
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अमित शाह आज जब राजस्थान दौरे पर हैं, तो उन्हें इस मुद्दे पर जनता को जवाब देना चाहिए। “आप बताइए, तीन साल में एक भी गवाह का बयान नहीं, कोई सुनवाई नहीं। अगर केस एसओजी या एटीएस देखती तो शायद अब तक फैसला आ चुका होता।”
उन्होंने यह भी कहा कि उस समय राज्य सरकार ने स्थिति को बेहद गंभीरता से संभाला था, जिससे प्रदेश में किसी भी प्रकार का सांप्रदायिक तनाव नहीं फैला। “लेकिन बीजेपी नेता उस वक्त उदयपुर छोड़कर हैदराबाद चले गए, जिनकी संवेदनशीलता पर सवाल खड़े होते हैं।”
न्याय में देरी पर उठे गंभीर सवाल
पूर्व मुख्यमंत्री ने अंत में दो टूक कहा, “तीन साल किसे कहते हैं? देश में कई मामलों में छह-छह महीने में फांसी तक की सजा हो जाती है। इस केस में अब तक कुछ भी नहीं हुआ है। अब वक्त आ गया है कि अमित शाह जनता को बताएं – कब मिलेगा कन्हैयालाल के परिवार को न्याय?”
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