राजस्थान में गणेश चतुर्थी की धूम: मंदिरों में उमड़े भक्त

गणेश चतुर्थी
गणेश चतुर्थी

जयपुर। भाद्रपद मास की चतुर्थी पर आज पूरे राजस्थान में गणपति बप्पा के जयकारों के साथ गणेश चतुर्थी धूमधाम से मनाई जा रही है। जयपुर से लेकर उदयपुर, जोधपुर, कोटा, अजमेर और सवाई माधोपुर तक प्रमुख मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की लंबी कतारें लगी हैं। गणपति बप्पा मोरया… मंगल मूर्ति मोरया के जयघोष से मंदिरों और पंडालों में धार्मिक उत्साह का वातावरण है।

राजधानी जयपुर के मोती डूंगरी गणेश मंदिर में मंगलवार देर रात से ही श्रद्धालु कतारों में लगने लगे थे। बुधवार तड़के मंगला आरती के साथ गणेश चतुर्थी महोत्सव की शुरुआत हुई। विशेष श्रृंगार में भगवान को स्वर्ण मुकुट पहनाकर चांदी के सिंहासन पर विराजमान किया गया। महंत परिवार की ओर से तैयार कराया गया नौलखा हार भी गणपति को धारण कराया गया। मंदिर में 3100 किलो मेहंदी पाली के सोजत से मंगवाकर अर्पित की गई। शाम को पूजा के बाद पांच स्थानों पर प्रसाद स्वरूप मेहंदी का वितरण किया गया।

रणथम्भौर: त्रिनेत्र गणेश मंदिर में लक्खी मेला

गणेश चतुर्थी
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सवाई माधोपुर के रणथम्भौर स्थित ऐतिहासिक त्रिनेत्र गणेश मंदिर में तीन दिन से लक्खी मेला चल रहा है। बुधवार को भगवान गणेश का सात नदियों के जल से अभिषेक किया गया। इसके लिए मुंबई और जयपुर से विशेष पोशाक और मुकुट मंगवाए गए। मंगलवार शाम को हजारों भक्त पैदल दर्शन के लिए पहुंचे, जिससे रणथम्भौर रोड पर करीब एक घंटे तक जाम की स्थिति बनी रही। यहां तक कि व्यवस्थाओं का जायजा लेने पहुंचे कलेक्टर कानाराम और एसपी अनिल कुमार भी जाम में फंस गए।

जोधपुर: प्रथमेश्वर गणेश जी के दर्शन को लंबी कतार

मरु नगरी जोधपुर में भी गणेश चतुर्थी उत्साह से मनाई जा रही है। पहाड़ी पर बने रातानाडा गणेश मंदिर में सुबह से ही करीब आधा किमी लंबी कतार में भक्त दर्शन के लिए इंतजार कर रहे हैं। यह मंदिर भूतल से 108 फीट ऊंचाई पर स्थित है और मारवाड़ के सभी मंगल कार्यों का प्रमुख केंद्र माना जाता है। इसी तरह सोजती गेट और जूनी मंडी स्थित इश्किया गणेश मंदिर में भी भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। करीब 100 साल पुराना यह मंदिर युवाओं में विशेष लोकप्रिय है। मान्यता है कि यहां मनोकामना मांगने पर विवाह संबंध और प्रेम की इच्छाएं शीघ्र पूरी होती हैं।

कोटा: खड़े गणेश जी मंदिर में चांदी का छत्र

कोटा में गणेश चतुर्थी पर घर-घर और पांडालों में गणपति की स्थापना की गई। शहर में करीब एक हजार छोटे-बड़े पांडाल सजे हैं। खड़े गणेश जी मंदिर में मंगलवार रात 12 बजे से दर्शन शुरू हो गए थे। यहां भगवान गणेश का विशेष श्रृंगार किया गया और 5 किलो चांदी का छत्र चढ़ाया गया। सोने के वर्क से भी अलंकरण किया गया। मंदिर में श्रद्धालुओं की कतारें सुबह से ही लगी हुई हैं।

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