जयपुर। प्रदेश की विवेकानंद स्कॉलरशिप योजना की प्रक्रिया में हो रही देरी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा सरकार पर बड़ा हमला बोला है। गहलोत ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा कि भाजपा सरकार ने न केवल इस योजना का नाम बदला है, बल्कि इसे पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है।
गहलोत ने कहा, “राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सिलेंस के तहत 500 मेधावी छात्रों को विदेशों में उच्च शिक्षा के लिए भेजा जाना था, लेकिन अब तक स्कॉलरशिप जारी नहीं हुई है। पिछली बार भी छात्र इसी तरह की परेशानियों से गुजरे थे, और इस बार भी वैसा ही दोहराया जा रहा है।”
भाजपा सरकार ने 500 बच्चों को विदेश में शिक्षा दिलाने वाली राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सिलेंस का न केवल नाम बदलकर विवेकानंद स्कॉलरशिप किया बल्कि इस योजना को बर्बाद कर दिया है। पिछली साल भी विद्यार्थियों को ऐसे ही परेशानी हुई थी।
विदेशों में एडमिशन सेशन खत्म होने वाला है…
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) July 28, 2025
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गहलोत ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि विदेशी विश्वविद्यालयों में एडमिशन सेशन समाप्त होने को है, लेकिन छात्रों की फीस जमा नहीं हो सकी है। सरकार कह रही है कि बाद में पुनर्भरण किया जाएगा, लेकिन गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए पहले फीस भरना संभव नहीं है। “अगर छात्रों के पास इतनी क्षमता होती, तो वे स्कॉलरशिप के लिए इंतजार ही क्यों करते?” – गहलोत ने सवाल उठाया।
गहलोत ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से आग्रह किया है कि वे इस विषय पर तत्काल ध्यान दें, जिससे इन युवाओं का भविष्य संकट में न पड़े। उन्होंने कहा कि योग्य और प्रतिभाशाली छात्रों के साथ ऐसा व्यवहार दुर्भाग्यपूर्ण है और शिक्षा के क्षेत्र में राजस्थान की छवि को नुकसान पहुंचा सकता है।
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने इस योजना को शुरू किया था ताकि राज्य के प्रतिभाशाली लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को अंतरराष्ट्रीय शिक्षा का अवसर मिल सके। मौजूदा भाजपा सरकार ने योजना का नाम बदलकर “विवेकानंद स्कॉलरशिप” कर दिया है, लेकिन आवेदन प्रक्रिया में देरी और स्पष्ट दिशा-निर्देशों के अभाव के चलते छात्रों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
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