कोचिंग सेंटरों पर सरकार की सख्ती: बेसमेंट में क्लास पर रोक, हर छात्र के लिए 1.75 वर्गमीटर जगह अनिवार्य

कोचिंग सेंटरों
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फायर एनओसी अनिवार्य, 100 से अधिक छात्रों वाले संस्थानों पर संस्थानिक भवन नियम लागू; नियम उल्लंघन पर 100 से अधिक सेंटरों को नोटिस

जयपुर। राजस्थान सरकार ने राज्य के कोचिंग सेंटरों पर नियंत्रण और विद्यार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से नए बिल्डिंग बायलॉज के तहत सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अब किसी भी कोचिंग सेंटर को बेसमेंट में कक्षाएं संचालित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके अलावा, हर छात्र के लिए कम से कम 1.75 वर्गमीटर स्थान अनिवार्य किया गया है।

फायर सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए सरकार ने स्पष्ट किया है कि सभी कोचिंग संस्थानों को फायर एनओसी लेना अनिवार्य होगा। जिन संस्थानों में 100 से अधिक छात्र एक साथ मौजूद होते हैं, उन पर Institutional Building Regulations लागू होंगे, जिससे उनकी संरचना और सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखा जा सके।

शहरी विकास विभाग द्वारा जारी अन्य दिशा-निर्देशों में उल्लेख है कि: एम्यूजमेंट पार्क के लिए अब 1 हैक्टेयर भूमि अनिवार्य होगी और इसकी स्थापना 30 मीटर चौड़ी सड़क पर ही संभव होगी।

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रूफटॉप रेस्टोरेंट केवल 24 मीटर (80 फीट) चौड़ी सड़कों पर ही बनाए जा सकेंगे, और केवल 75% छत का उपयोग व्यवसायिक रूप से हो सकेगा, जबकि 25% हिस्सा सिर्फ अस्थायी संरचनाओं के लिए आरक्षित रहेगा। हर 90 वर्गमीटर प्लॉट पर दो पेड़ लगाना भी अनिवार्य कर दिया गया है।

नियमों का पालन अभी भी कमजोर सरकारी सख्ती के बावजूद शहर के गोपालपुरा, सांगानेर, प्रतापनगर, झोटवाड़ा, टोंक रोड और लालकोठी जैसे क्षेत्रों में 1,000 से अधिक कोचिंग सेंटर अब भी इन दिशा-निर्देशों का उल्लंघन कर रहे हैं। प्रतापनगर में बनाए गए 600 करोड़ रुपये के कोचिंग हब में अब तक कोचिंग सेंटरों का शिफ्ट होना शुरू नहीं हुआ है।

शहर प्रशासन ने 100 से अधिक कोचिंग संस्थानों को नोटिस जारी किए हैं और नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराने के लिए अभियान शुरू किया है। अधिकारियों का कहना है कि विद्यार्थियों की सुरक्षा सर्वोपरि है और भविष्य में नियमों की अनदेखी करने वाले संस्थानों पर कार्रवाई तेज़ की जाएगी।

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