जयपुर: राजस्थान में मानसून ने एक बार फिर अपनी रफ्तार पकड़ ली है, जिसके चलते कोटा, बूंदी, और सवाई माधोपुर जिलों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। पिछले दो हफ्तों से कमजोर पड़े मानसून के अचानक सक्रिय होने से शुक्रवार रात से ही दक्षिण-पूर्वी राजस्थान में भारी बारिश का दौर जारी है। कई गांव जलमग्न हो गए हैं और टापू में तब्दील हो गए हैं।
बूंदी में 9 घंटे में 13 इंच बारिश
सबसे ज्यादा प्रभावित बूंदी जिला है, जहाँ के नैनवां कस्बे में सिर्फ नौ घंटे में 13 इंच (330 मिमी) बारिश दर्ज की गई। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना की मदद ली जा रही है।
कई जिलों में स्कूल बंद, यातायात बाधित
भारी बारिश के कारण शनिवार को चित्तौड़गढ़, बारां, टोंक, सवाई माधोपुर, झालावाड़, कोटा, बूंदी, डूंगरपुर और भीलवाड़ा जिलों में स्कूलों की छुट्टी घोषित कर दी गई। हाड़ौती क्षेत्र में जनजीवन सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। कई मुख्य सड़क मार्ग बंद हैं, जिनमें स्टेट हाईवे 70 (कोटा-श्योपुर) और कोटा-इटावा मार्ग शामिल हैं।
जयपुर में भी तेज बारिश, बांधों का जलस्तर बढ़ा
राजधानी जयपुर में भी शनिवार सुबह तेज बारिश हुई। टोंक जिले के राजमहल कस्बे में मुख्य बाजार में पानी भर गया, जबकि सोप कस्बे के महात्मा गांधी मॉडल स्कूल की कक्षाओं में भी पानी घुस गया।
निरंतर हो रही बारिश से बांधों और बैराजों का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। कोटा बैराज के तीन गेट खोलकर 36 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इसी तरह, ईआरसीपी के तहत कालीसिंध नदी पर बने नवनैरा बांध के पांच गेट खोलकर 95 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की गई।
मौसम विभाग का अनुमान: एक हफ्ते तक जारी रहेगी बारिश
मौसम विभाग के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि मानसून ट्रफ के सामान्य स्थिति में लौटने और मध्यप्रदेश-राजस्थान सीमा पर बने साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम के कारण यह भारी बारिश हो रही है। उन्होंने बताया कि यह सिस्टम स्थिर बना हुआ है, जिसके कारण अगले एक सप्ताह तक प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में मानसून सक्रिय रहेगा और बारिश का दौर जारी रहेगा।