जयपुर। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवं राजसमंद जिला प्रभारी मंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने रविवार को राजसमंद जिला कलेक्ट्रेट में आयोजित जिला स्तरीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि अधिक वर्षा के बीच किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह राउंड द क्लॉक तैयार रहे। उन्होंने कहा कि किसी भी समय अनहोनी, जलभराव आदि की सूचना मिले तो तुरंत राहत और बचाव की कार्रवाई शुरू होनी चाहिए। उप मुख्यमंत्री ने जिले में बचाव कार्यों को लेकर प्रशासन द्वारा अब तक की गई कार्यवाही को लेकर संतोष जाहिर किया।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि निचले भौगोलिक क्षेत्र में स्थित गाँवों में विशेष ध्यान रखा जाए। सभी उपखंड अधिकारी और तहसीलदार अपने पटवारियों से पुराने वर्षों के अनुभव लेकर उन गाँवों की पहचान करें, जहाँ अक्सर समस्या उत्पन्न होती है। बैठक में फसल गिरदावरी की प्रगति पर चर्चा करते हुए डॉ. बैरवा ने कहा कि किसानों के प्रति संवेदनशील रह कर गिरदावरी जल्द पूर्ण की जाए। पशुपालन विभाग को सभी पशु चिकित्सालयों में दवाइयाँ, वैक्सीन, डीवॉर्मिंग और कोल्ड चैन उपलब्ध रखने के निर्देश दिए। पंच गौरव योजना की समीक्षा करते हुए विभिन्न विभागों को बेहतर कार्ययोजना बनाने पर जोर दिया।
जिला कलक्टर अरुण कुमार हसीजा ने बताया कि जिले में इस वर्ष 1 जनवरी से अब तक 818 मिमी वर्षा दर्ज हुई है, जो पिछले दस वर्षों के औसत (752 मिमी) से अधिक है। पहाड़ी क्षेत्रों में वर्षा ज्यादा हुई है जबकि मैदानी क्षेत्रों में औसत से कम। उन्होंने जानकारी दी कि जिले में कुल 13,90,137 खसरे हैं जिनमें से अब तक 7,48,602 खसरों की गिरदावरी (53.85 प्रतिशत) पूर्ण हो चुकी है।
उपमुख्यमंत्री द्वारा राजसमंद में राहत एवं बचाव कार्याें की समीक्षा-
बैठक में उपमुख्यमंत्री द्वारा जिला राजसमन्द में राहत एवं बचाव कार्यों की प्रभावी समीक्षा की गई। प्रेजेंटेशन में बताया गया कि तहसील कुम्भलगढ़ में दिनांक 18 जुलाई 2025 को अतिवृष्टि के दौरान 40 स्कूली बच्चों एवं 05 व्यक्तियों का सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया गया, वहीं तहसील राजसमन्द में दिनांक 27 अगस्त 2025 को मोही क्षेत्र में बनास नदी से एक व्यक्ति का सुरक्षित रेस्क्यू किया गया। कुंभलगढ़ क्षेत्र में अतिवृष्टि के बाद तत्काल प्रभाव से बिजली व्यवस्था एवं सड़कों को बहाल किया गया। जिले में बाढ़ नियंत्रण कक्ष 24X7 सक्रिय रूप से संचालित है, जिसमें 21 नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक तीन पारियों में कार्यरत हैं। इसके अतिरिक्त, एसडीआरएफ की टीम भी जिला स्तर पर बाढ़ बचाव कार्यों हेतु तैनात की गई है।
“एक जिला-एक उपज” कार्यक्रम में सीताफल को चयनित किया-
पंच गौरव योजना के अंतर्गत “एक जिला-एक उपज” कार्यक्रम में सीताफल को चयनित किया गया है। प्रचार-प्रसार, कृषक प्रशिक्षण, भ्रमण, कृषक चयन एवं पौध वितरण जैसी गतिविधियों के लिए जुलाई 2025 से फरवरी 2026 तक की कार्ययोजना तैयार की गई है, जिसके लिए विभागीय मद से 4.5 लाख रुपये एवं पंच गौरव मद से 14.75 लाख रुपये का बजट प्रस्तावित किया गया है। राष्ट्रीय बागवानी मिशन वर्ष 2025-26 में 2.5 हैक्टेयर क्षेत्र में सीताफल बगीचा स्थापित करने की प्रशासनिक स्वीकृति भी जारी की गई है। वहीं “एक जिला एक खेल-हॉकी” के लिए नवनिर्मित एस्ट्रो टर्फ पर हॉकी खेल का नियमित प्रशिक्षण कार्य संचालित किया जा रहा है।