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पर्यटन कूटनीति के अंतर्गत बड़ी पहल
जयपुर। भारत के प्रधानमंत्री ने वर्ष 2025 को “आसियान-भारत पर्यटन वर्ष” घोषित किया है और आसियान देशों के साथ भारत के सांस्कृतिक, आर्थिक और पर्यटन संबंधों को और सुदृढ़ करने की प्रतिबद्धता दोहराई है। यह महत्वपूर्ण घोषणा पर्यटन को लोगों के बीच आपसी जुड़ाव, साझा समृद्धि और भारत व आसियान देशों के बीच मित्रता के बंधन को मजबूत करने का माध्यम मानती है। इस नई पहल के तहत भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) को वियतनाम में आयोजित होने वाले प्रतिष्ठित इंटरनेशनल टूरिज़्म एक्सपो (ITE) वियतनाम 2025 में भारत की भागीदारी आयोजित करने का दायित्व दिया गया है।
यह आयोजन 4 से 6 सितंबर 2025 तक सैगॉन एक्ज़िबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर (SECC), हो ची मिन्ह सिटी, वियतनाम में आयोजित किया गया जिसमें आईआरसीटीसी के डायरेक्टर राहुल हिमालयन और कई दूसरे प्रतिनिधियों में हिस्सा लिया। आईआरसीटीसी यहां एक विशेष आसियान-भारत पैवेलियन स्थापित किया, जिसमें भारत के विविध पर्यटन उत्पाद प्रदर्शित किए जाएंगे – जिनमें देश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, आध्यात्मिक एवं वेलनेस पैकेज, प्राकृतिक सौंदर्य, साहसिक गतिविधियाँ और विश्वस्तरीय लक्ज़री ट्रेनें शामिल हैं। इन ट्रेनों में महाराजा एक्सप्रेस, गोल्डन चैरीअट और बौद्ध सर्किट लक्ज़री एसी ट्रेन आकर्षण के प्रमुख केंद्र रहे। साथ ही आसियान देशों के पर्यटन दृश्य और आकर्षण भी प्रदर्शित किया गया।
हो ची मिन्ह सिटी में भारतीय वाणिज्य दूतावास के महावाणिज्यदूत विप्र पांडेय ने इस पैवेलियन का उद्घाटन किया।
इस नए सहयोग और 2025 को आसियान-भारत पर्यटन वर्ष के रूप में मनाने की तैयारी के तहत, आईआरसीटीसी ने विदेश मंत्रालय के सहयोग से भारत और आसियान देशों के पर्यटन क्षेत्र के प्रतिनिधियों को पाटा ट्रैवल मार्ट 2025 (बैंकॉक) में एकजुट किया। यह भारत-आसियान सांस्कृतिक और पर्यटन सहयोग के लिए एक नए युग की शुरुआत थी। बैंकॉक स्थित आसियान-भारत पैवेलियन का उद्घाटन थाईलैंड में भारत के राजदूत नागेश सिंह ने किया। उनकी सक्रियता से इस पहल को और अधिक गति मिली।
इसके अतिरिक्त, 28 अगस्त 2025 को थाईलैंड में एक रोड शो भी आयोजित किया गया, जिसमें उद्योग से जुड़े प्रमुख प्रतिनिधियों ने भाग लिया और यह कार्यक्रम कार्यक्रम सफल रहा। आईटीई वियतनाम में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व आईआरसीटीसी कर रहा है। इसमें भारत के प्रमुख पर्यटन जीएसए, राज्य पर्यटन बोर्ड के अधिकारी और आसियान देशों के प्रतिनिधि – पर्यटन व्यापार और नीति निर्माण संस्थाएं – शामिल हैं। यह सामूहिक भागीदारी प्रधानमंत्री की उस दृष्टि को मूर्त रूप देती है, जिसमें भारत और आसियान एक साथ विकास और पर्यटन सहयोग की दिशा में आगे बढ़ें।
आसियान-भारत पैवेलियन की स्थापना के अलावा आईआरसीटीसी को पूरे भारतीय प्रतिनिधिमंडल की लॉजिस्टिक्स व्यवस्था की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। साथ ही, आईआरसीटीसी हो ची मिन्ह सिटी में आसियान-भारत पर्यटन रोड शो का आयोजन कर रहा है, जिसमें भारत-आसियान उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित की गयी। इस दौरान स्थानीय ट्रैवल एजेंटों और टूर ऑपरेटरों से सीधा संवाद स्थापित कर नए कारोबारी साझेदारी के अवसर तलाश किए।
भारत के प्रधानमंत्री द्वारा “आसियान-भारत पर्यटन वर्ष” की घोषणा एक ऐतिहासिक कदम है, जो भारत को एक वैश्विक गंतव्य के रूप में स्थापित करने में मददगार साबित हुआ।
हो ची मिन्ह सिटी में आसियान-भारत पैवेलियन की स्थापना ने भारत और आसियान देशों के बीच संस्कृति को बढ़ावा देने के नए रास्ते खोले हैं। यह पहल न केवल क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ाती है बल्कि आपसी विश्वास, मित्रता और सहयोग के संबंध भी मजबूत करती है। इसके माध्यम से विकास और सतत विकास के लक्ष्यों को आने वाले समय में भारत और आसियान दोनों देश मिलकर प्राप्त कर सकेंगे।
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