शिक्षा में क्रांति की ओर झोटवाड़ा: कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ की पहल से महात्मा गांधी राजकीय विद्यालयों में नई फैकल्टी स्वीकृत

कर्नल राज्यवर्धन राठौड़

जयपुर। झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए यह गर्व और खुशी का क्षण है। कैबिनेट मंत्री एवं क्षेत्र के जनप्रिय विधायक कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ के प्रयासों से महात्मा गांधी राजकीय विद्यालयों में नई फैकल्टी की स्वीकृति मिली है। इस स्वीकृति के बाद झोटवाड़ा क्षेत्र में शिक्षा का दायरा और अधिक विस्तृत होगा तथा विद्यार्थियों को अब अपने ही क्षेत्र में विज्ञान, वाणिज्य और भूगोल विषयों की पढ़ाई का अवसर मिलेगा।झोटवाड़ा के माचवा स्थित महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय में विज्ञान और वाणिज्य संकाय के लिए अतिरिक्त फैकल्टी की स्वीकृति दी गई है। वहीं बेगस के महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय में भूगोल संकाय के लिए नई नियुक्ति स्वीकृत हुई है। यह निर्णय उन विद्यार्थियों के लिए विशेष महत्व रखता है जो अब तक अपनी पढ़ाई के लिए लंबी दूरी तय करने को मजबूर थे। नई फैकल्टी की उपलब्धता से क्षेत्र के बच्चों को घर के पास ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकेगी।

कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने इस अवसर पर कहा कि शिक्षा ही एक सशक्त समाज और मजबूत राष्ट्र की नींव है। उन्होंने कहा कि झोटवाड़ा विधानसभा के विद्यालयों में अतिरिक्त फैकल्टी की नियुक्ति से बच्चों को बेहतर मार्गदर्शन मिलेगा और वे भविष्य में प्रतियोगी परीक्षाओं और करियर के अवसरों में बड़ी सफलता हासिल कर सकेंगे। राठौड़ का मानना है कि यह पहल झोटवाड़ा क्षेत्र के उज्ज्वल भविष्य की ओर एक मजबूत कदम है।इस फैसले का क्षेत्र की जनता ने भी जोरदार स्वागत किया है। अभिभावकों का कहना है कि लंबे समय से वे अपने बच्चों को विज्ञान और वाणिज्य जैसे विषयों के लिए शहर से बाहर भेजने को विवश थे, लेकिन अब यह सुविधा यहीं उपलब्ध हो जाएगी। विद्यार्थियों में भी नई ऊर्जा और उत्साह देखा जा रहा है। उनका कहना है कि अब वे बिना किसी अतिरिक्त बोझ और दूरी की चिंता के अपनी पढ़ाई जारी रख पाएंगे। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर और सार्वजनिक रूप से कर्नल राठौड़ का आभार जताते हुए कहा- “Thank You कर्नल साहब।”

महात्मा गांधी राजकीय विद्यालयों की स्थापना ही इस उद्देश्य से की गई थी कि सरकारी स्कूलों में भी उच्च स्तर की शिक्षा, आधुनिक सुविधाएं और विषय-विविधता उपलब्ध कराई जा सके। झोटवाड़ा क्षेत्र में स्वीकृत हुई ये नई फैकल्टी इसी दिशा में एक बड़ा कदम है, जो न सिर्फ शिक्षा के स्तर को बढ़ाएगा बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में पलायन जैसी समस्या को भी कम करेगा।झोटवाड़ा में शिक्षा के इस नए अध्याय से साफ है कि अब गाँवों के बच्चे भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ बड़े सपनों को पूरा कर पाएंगे। यह पहल केवल नियुक्तियों तक सीमित नहीं, बल्कि क्षेत्र की सोच और भविष्य की दिशा बदलने वाली है। कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ की यह कोशिश निस्संदेह झोटवाड़ा को शिक्षा की दृष्टि से नई ऊँचाइयों तक ले जाएगी।