जयपुर। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे ने देश की सियासत में नई हलचल पैदा कर दी है। जहां एक ओर भाजपा नेतृत्व की चुप्पी चर्चा का विषय बनी हुई है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस नेताओं ने इस इस्तीफे को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं दी हैं। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने इसे भाजपा की “यूज़ एंड थ्रू” नीति का नतीजा बताया है।
डोटासरा ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में कहा, “भाजपा में किसानों के बेटों के लिए कोई जगह नहीं है। पहले उन्हें उपयोग में लिया जाता है और फिर किनारे कर दिया जाता है। धनखड़ का इस्तीफा इसी नीति का एक उदाहरण है। एक दिन यह इस्तीफा भाजपा की असलियत की नई कलई खोलेगा।”
भाजपा को ना किसानों से कोई विशेष लगाव है, ना ही उनके बेटों से।
आजीवन संघर्ष करके भाजपा संगठन को सींचने वाले किसान के बेटों के लिए इनके दिलों में कोई स्थान नहीं है।
हालांकि किसको पद पर बैठाना है, और किससे इस्तीफ़ा लेना है, यह भाजपा का आंतरिक मामला है। लेकिन संकेत स्पष्ट है चाहे… pic.twitter.com/WmkOF858us
— Govind Singh Dotasra (@GovindDotasra) July 22, 2025
संदेह जताते हुए कहा कि हाल ही में उन्होंने कई मंचों पर सक्रिय रूप से भाग लिया था और विचार रखे थे जो भाजपा हाईकमान को रास नहीं आए। उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से सतीश पूनिया का भी उदाहरण देते हुए कहा, “राजस्थान में पहले भी ऐसा हुआ है – काम करवाकर पद से हटा दिया गया।”
‘विपक्ष दुश्मन नहीं होता’ – बयान पर विवाद डोटासरा ने धनखड़ के एक पूर्व बयान का उल्लेख करते हुए कहा, “विपक्ष दुश्मन नहीं होता – यह पंक्ति उनकी आत्मा से निकली थी और शायद यही बात किसी को पसंद नहीं आई। यही कारण रहा होगा कि उन्हें पद से हटना पड़ा।”
कांग्रेस नेता ने भाजपा पर किसानों की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए कहा, “भाजपा में न तो किसानों के लिए सोच है और न ही उनकी समस्याओं को लेकर संवेदनशीलता। उपराष्ट्रपति धनखड़ का इस्तीफा इसका प्रमाण है।”
गौरतलब है कि जगदीप धनखड़ राजस्थान के ही रहने वाले हैं और खुद एक किसान परिवार से आते हैं। उनका इस्तीफा भाजपा के भीतर चल रही अंदरूनी राजनीति और असहमति के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।
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