राजस्थान में धर्मांतरण रोकने के कानून पर मंत्रियों और विधायकों की प्रतिक्रिया आई सामने

धर्मांतरण रोकने संबंधी विधेयक
धर्मांतरण रोकने संबंधी विधेयक

जयपुर। राजस्थान विधानसभा में जबरन धर्मांतरण रोकने संबंधी विधेयक पारित होने पर प्रदेश के मंत्रियों व विधायकों ने इस बिल को महत्वपूर्ण बताया और मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।

इन मंत्रियों व विधायकों ने दी राय

जवाहर सिंह बेढम बोले— इस बिल पर गृह राज्यम़़ंत्री बेढम ने कहा मैं प्रदेश के मुख्यमंत्री का आभार प्रकट करना चाहता हूं। उन्होंने राजस्थान की संस्कृति, धर्म के संरक्षण और यहाँ की समरसता को यथावत रखने के लिए शानदार विधेयक बनाने का निर्णय लिया और सदन में पेश भी किया। राजस्थान में विभिन्न जिलों में धर्मांतरण की घटनाएं बढ़ रही थी। गरीब, दलित, आदिवासी और महिलाओं को डरा-धमकाकर और प्रलोभन देकर जो धर्मांतरण किया जा रहा था, उसे रोकने के लिए राजस्थान की जनता को कठोर कानून देने का काम विधानसभा ने किया। लेकिन जैसे ही चर्चा शुरू हुई, कांग्रेस चर्चा से भाग गई।

यह दिल्ली के नेताओं के इशारे पर उनकी योजना थी क्योंकि वे तुष्टिकरण की राजनीति करते हैं। उनका चेहरा बेनकाब हो गया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री की सोच हमेशा धर्म की रक्षा के लिए दृढ़ रहती है। इसके लिए मैं साधुवाद और धन्यवाद देता हूँ। मैं यह भी कहना चाहूंगा कि जब सदन में इस विधेयक को लाने की चर्चा हुई, कांग्रेस ने हल्ला शुरू कर दिया। इससे यह साफ जाहिर हुआ कि यह धर्म विरोधी पार्टी है। इनके दिल्ली के नेताओं ने इन्हें निर्देश दिए और उन्होंने उन्हीं निर्देशों की पालना की। आज दलित, आदिवासी, गरीब तक के लोगों को प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन करने का काम किया जा रहा है। अलवर और बांसवाड़ा की घटनाएं किसी से छुपी नहीं हैं।

भारत धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है, हर व्यक्ति को अपने धर्म मानने का अधिकार है। इसका मतलब यह नहीं कि कोई बलपूर्वक शादी का झांसा देकर लव जिहाद के माध्यम से धर्म परिवर्तन कराए। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ही यह कानून लाया गया है। इसमें कठोर प्रावधान रखे गए हैं — 7 से 14 साल तक की सजा, दिव्यांग, दलित या महिला को प्रभावित करने पर 20 साल तक की सजा और आजीवन कारावास तक का प्रावधान। यदि अवैध संपत्ति जुटाकर धर्म परिवर्तन किया जाता है तो बुलडोजर चलाकर उसे तोड़ने का भी प्रावधान है। मुख्यमंत्री जी ने इस कानून को लाकर हजारों-लाखों धर्मप्रेमियों की भावनाओं का सम्मान किया है।

स​हकारिता मंत्री आविनाश गहलोत बोले— कांग्रेस पर तुष्टिकरण की नीति हावी रही, कांग्रेस विधायकों ने बहस नहीं की। कांग्रेस के चार मुस्लिम विधायक नहीं चाहते थे कि इस विधेयक पर बहस हो। कट्टरपंथी संगठनों के द्वारा जबरन धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए आज का विधेयक ऐतिहासिक है।इसके लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का आभार।

उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह बोल— हर धर्म की सुरक्षा के लिए यह कानून है। किसी भी धर्म से दूसरे धर्म में जबरन परिवर्तन अब नहीं होगा।

विधायक महन्त प्रतापपुरी बोले— सिरोही और जैसलमेर में हुई लव जिहाद की घटनाएं चिंताजनक हैं। ऐसी लव जिहाद की घटनाओं पर अब अंकुश लगेगा। जबरन धर्मांतरण निश्चित ही चिंता का विषय है।

विधायक बालमुकुंद आचार्य बोले— राजस्थान में इस कानून की मांग लंबे समय से थी। बच्चियों को लालच और प्रलोभन देकर लव जिहाद किया जा रहा था। कांग्रेस ने इस बिल पर चर्चा में भाग न लेकर सिद्ध कर दिया कि वह हिन्दू विरोधी है।

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