जयपुर। रेलवे की महत्वाकांक्षी ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ के तहत जयपुर रेलवे स्टेशन को विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। लगभग 717 करोड़ रुपये की लागत से चल रहे इस पुनर्विकास कार्य में, द्वितीय प्रवेश (हसनपुरा साइड) पर निर्माण कार्य अंतिम चरण में है, और फिनिशिंग का काम जोर-शोर से चल रहा है।
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशि किरण के अनुसार, महाप्रबंधक अमिताभ के मार्गदर्शन में यह परियोजना चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ रही है। द्वितीय प्रवेश पर बनी नई बिल्डिंग और बेसमेंट पार्किंग का काम लगभग पूरा होने वाला है।
स्टेशन के दोनों प्रवेशों (मुख्य और द्वितीय) को जोड़ने के लिए 108 x 95 मीटर का एक विशाल एयर कॉनकोर्स (लगभग 10260 वर्ग मीटर) बनाया जा रहा है, जिसका स्ट्रक्चरल काम पूरा हो चुका है। इसके अलावा, यात्रियों की सुविधा के लिए दो नए फुट ओवर ब्रिज (FOB) भी बनाए जा रहे हैं। इनमें से दौसा साइड वाला 6 मीटर चौड़ा FOB यात्रियों के लिए शुरू हो चुका है, जबकि सीकर साइड वाले FOB का स्ट्रक्चरल कार्य पूरा हो चुका है और फेब्रिकेशन का काम जारी है।
मुख्य प्रवेश पर भी काम चल रहा है, जहाँ बेसमेंट के स्ट्रक्चर और बिल्डिंग की नींव का काम प्रगति पर है। यह ध्यान देने योग्य है कि द्वितीय प्रवेश पर पार्सल ऑफिस, मजिस्ट्रेट ऑफिस और बैंक जैसी सुविधाएं पहले से ही चालू हैं।
यह स्टेशन प्रतिदिन लगभग 1 लाख 75 हजार यात्रियों की क्षमता के अनुरूप तैयार किया जा रहा है। इसमें दो नई तीन मंजिला बिल्डिंगें बनाई गई हैं, जिनमें आगमन-प्रस्थान लॉबी, सुरक्षा जांच क्षेत्र, प्रतीक्षालय, रिटेल स्टॉल और आधुनिक शौचालय जैसी सुविधाएं होंगी। यात्रियों की आसान आवाजाही के लिए 30 लिफ्ट और 18 एस्केलेटर लगाए जाएंगे।
पुनर्विकास में ऊर्जा बचत पर भी ध्यान दिया गया है, जिसके तहत ग्रीन बिल्डिंग कॉन्सेप्ट का उपयोग किया जा रहा है। इसमें सौर ऊर्जा प्लांट (लगभग 2000 किलोवाट), रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम और कचरा निस्तारण की व्यवस्था भी शामिल है।
रेलवे का लक्ष्य है कि द्वितीय प्रवेश की तरफ का काम इसी साल पूरा कर लिया जाए, ताकि यात्रियों को जल्द से जल्द अत्याधुनिक सुविधाएं मिल सकें।
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