जयपुर : जयपुर के अस्पतालों में अब मरीजों और उनके परिजनों को पर्ची कटवाने के लिए लंबी कतारों में नहीं लगना पड़ेगा। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जयपुर द्वितीय, डॉ. मनीष मित्तल ने बताया कि जांच से पूर्व ओपीडी पर्ची के लिए लगने वाली कतारों से मुक्ति दिलाने हेतु आभा-आधारित ऑनलाइन पंजीयन की सुविधा शुरू कर दी गई है।
इस नई व्यवस्था के तहत, अस्पतालों के ओपीडी पर्ची केंद्रों के बाहर और अन्य प्रमुख स्थानों पर पंजीयन के लिए क्यूआर कोड लगाए गए हैं। मरीज इन क्यूआर कोड को स्कैन करके आसानी से ऑनलाइन पंजीयन करवा सकते हैं। पंजीयन के बाद उन्हें एक टोकन संख्या मिलेगी, जिसके आधार पर वे सीधे संबंधित डॉक्टर से परामर्श ले सकेंगे। इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि मौसमी बीमारियों के सीजन में भीड़भाड़ से भी राहत मिलेगी।
डॉ. मित्तल ने बताया कि इस सुविधा के लिए आयुष्मान भारत स्वास्थ्य कार्ड (आभा कार्ड) भी बनाए जा रहे हैं, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति का अपना अलग स्वास्थ्य अकाउंट होगा। क्यूआर कोड की प्रक्रिया इस प्रकार है:
अस्पताल पहुँचने पर क्यूआर कोड को स्कैन करें।
आभा ऐप डाउनलोड करके उसमें पंजीयन करें।
अस्पताल के साथ अपनी प्रोफाइल साझा करें।
टोकन नंबर आने पर काउंटर से स्लिप लेकर चिकित्सक से परामर्श लें।
जांच रिपोर्ट और ऑनलाइन परामर्श की सुविधा
उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (स्वास्थ्य) डॉ. सुरेंद्र कुमार गोयल ने बताया कि यह सुविधा पूरी तरह निशुल्क है। इस नई व्यवस्था से अस्पतालों के एमआरएस (Medical Relief Society) फंड में भी वृद्धि होगी, क्योंकि क्यूआर कोड से पंजीयन के बाद प्रति मरीज अस्पताल को 20 रुपये और आभा ऐप के जरिए डॉक्टर को दिखाने पर 5 रुपये मिलेंगे।
इसके अलावा, जांच रिपोर्ट भी सीधे आभा ऐप पर अपलोड होगी, जिससे मरीजों को रिपोर्ट लेने के लिए भी कतार में नहीं लगना पड़ेगा। मरीज घर बैठे ही अपनी रिपोर्ट देख सकेंगे। आभा आईडी के माध्यम से मरीज पिछली जांच रिपोर्ट भी देख सकेंगे और दूसरे बड़े अस्पतालों के चिकित्सकों से ऑनलाइन परामर्श भी ले सकेंगे। यह पहल चिकित्सा व्यवस्था को और अधिक सुगम और पारदर्शी बनाएगी।
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