जयपुर । राजस्थान सरकार अब पर्यटन को नई उड़ान देने की तैयारी में है। राज्य में हेलिकॉप्टर पर्यटन, जॉय राइड और सी-प्लेन सेवाओं की संभावनाओं को गंभीरता से आगे बढ़ाया जा रहा है। इस दिशा में सरकार ने माउंट आबू, सीकर, सवाई माधोपुर, भीलवाड़ा और श्रीगंगानगर जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों को RCS (रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम) में शामिल करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है।
इस पहल का उद्देश्य न केवल राज्य में पर्यटन को प्रोत्साहन देना है, बल्कि स्थानीय रोजगार के अवसर भी पैदा करना है। आने वाले समय में इन सेवाओं से हवाई यात्रा और भी किफायती और सुगम हो सकेगी।
✈️ हवाई संपर्क को लेकर कई बड़े कदम
राज्य के नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री गौतम कुमार दक ने जानकारी दी कि यह मुद्दा हाल ही में देहरादून में आयोजित उत्तर भारत क्षेत्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रियों के सम्मेलन में प्रमुखता से उठाया गया था। सम्मेलन में राजस्थान की हवाई संपर्क क्षमताओं के विस्तार पर सकारात्मक चर्चाएं हुईं।
मंत्री ने बताया कि: कोटा ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के निर्माण हेतु भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) को निशुल्क भूमि उपलब्ध कराई गई है। किशनगढ़ हवाई अड्डे के विस्तार के लिए भी आवश्यक भूमि आवंटित की जा चुकी है। उदयपुर एयरपोर्ट के विस्तारीकरण और उत्तरलाई (बाड़मेर) में सिविल एन्क्लेव के निर्माण हेतु भूमि आवंटन प्रक्रिया भी प्रगति पर है।
पर्यटन, व्यापार और औद्योगिक विकास को मिलेगा बल
इन प्रयासों से राजस्थान की हवाई कनेक्टिविटी न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगी, बल्कि राज्य में औद्योगिक, व्यापारिक और निवेश गतिविधियों को भी एक नई गति देगी। हवाई मार्गों के विस्तार से खासकर ग्रामीण और दूरस्थ इलाकों में नए आर्थिक अवसर उत्पन्न होंगे।
राजस्थान सरकार की यह पहल राज्य को एक एविएशन हब की दिशा में ले जा सकती है। यदि RCS योजना के तहत प्रस्तावित शहरों को स्वीकृति मिलती है, तो निकट भविष्य में राजस्थान के पर्यटक हवाई मार्ग से माउंट आबू, रणथंभौर या श्रीगंगानगर जैसे स्थलों तक सीधे पहुंच सकेंगे — वह भी कम लागत और अधिक सुविधा के साथ।
यह भी पढ़े:राजस्थान में अन्य सेवाओं के अधिकारियों की IAS में पदोन्नति प्रक्रिया शुरू