झालावाड़ हादसे के बाद शिक्षा मंत्री का बड़ा फैसला: जर्जर स्कूल भवनों की मरम्मत के लिए 200 करोड़ रुपये मंजूर

शिक्षा मंत्री
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भरतपुर/झालावाड़— झालावाड़ के एक सरकारी स्कूल में छत गिरने से पांच मासूमों की मौत के बाद प्रदेश में गहरा शोक और रोष फैल गया है। इस दर्दनाक हादसे की गंभीरता को देखते हुए शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने तत्काल अपना भरतपुर दौरा रद्द कर झालावाड़ के लिए रवाना हो गए। साथ ही उन्होंने प्रदेशभर में जर्जर और असुरक्षित स्कूल भवनों की मरम्मत के लिए 200 करोड़ रुपये मंजूर किए जाने की घोषणा की है।

हादसे के बाद संवेदनशीलता और तत्परता भरतपुर सर्किट हाउस में मीडिया से संक्षिप्त बातचीत करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा, “यह हादसा बेहद पीड़ादायक है। बच्चों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। लापरवाही किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।” मंत्री के इस रुख को आमजन ने संवेदनशीलता और त्वरित प्रतिक्रिया के रूप में देखा है।

जर्जर भवनों की सूची तैयार होगी राज्य सरकार ने सभी जिलों के शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्र के जर्जर व असुरक्षित भवनों की सूची तत्काल तैयार कर स्वायत्त शासन विभाग को सौंपें। सरकार का लक्ष्य है कि इस कार्य को तेज गति से पूरा कर मरम्मत/पुनर्निर्माण कार्य जल्द शुरू किया जाए।

हादसे की उच्च स्तरीय जांच के आदेश मदन दिलावर ने यह भी स्पष्ट किया कि झालावाड़ हादसे की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाएगी और भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस रणनीति बनाई जाएगी।

बच्चों की सुरक्षा अब सर्वोच्च प्राथमिकता झालावाड़ हादसे ने एक बार फिर प्रदेश के हजारों स्कूल भवनों की खस्ताहाल स्थिति को उजागर किया है। लेकिन अब शिक्षा विभाग की सक्रियता और 200 करोड़ रुपये की मंजूरी से यह उम्मीद बंधी है कि लाखों बच्चों को जल्द ही सुरक्षित स्कूल वातावरण मिल सकेगा।

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