झुंझुनू : राजस्थान के झुंझुनू जिले में स्मार्ट मीटर लगाने की सरकारी योजना के खिलाफ बुधवार को पूरा जिला बंद रहा। ‘स्मार्ट मीटर हटाओ संघर्ष समिति’ के आह्वान पर जिला मुख्यालय सहित चिड़ावा, खेतड़ी, पिलानी, नवलगढ़ और उदयपुरवाटी जैसे कस्बों में भी बाजार और शैक्षणिक संस्थान पूरी तरह से बंद रहे।
सुबह से ही झुंझुनू शहर के रोडवेज बस स्टैंड, मंडावा मोड़, गांधी चौक और रेलवे स्टेशन समेत सभी प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्र पूरी तरह से बंद थे। संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओं ने व्यापारियों से समर्थन मांगा, जिन्होंने इस आंदोलन का खुलकर समर्थन किया। बंद का असर कोर्ट परिसर में भी दिखा, जहां बार यूनियन ने कार्य बहिष्कार करते हुए स्मार्ट मीटर के खिलाफ नारेबाजी की।
संघर्ष समिति से जुड़े सदस्यों ने आरोप लगाया कि स्मार्ट मीटर किसानों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ डाल रहे हैं। जिला परिषद सदस्य पंकज धनकड़ ने चेतावनी दी कि अगर सरकार इस योजना को वापस नहीं लेती है, तो आगामी पंचायत और नगर निकाय चुनावों में भाजपा सरकार का कड़ा विरोध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जनता अब तय कर चुकी है कि भाजपा के किसी भी उम्मीदवार को वोट नहीं दिया जाएगा।
छात्र नेता पंकज गुर्जर ने इस बंद को आमजन का आंदोलन बताया। उन्होंने कहा कि यह किसी राजनीतिक दल का नहीं, बल्कि आम लोगों का आंदोलन है, जिसमें सभी ने स्वेच्छा से भाग लिया। रिटायर कैप्टन मोहनलाल ने भी इसे जनता की असली आवाज बताया और कहा कि पहली बार लोग बिना किसी दबाव के अपनी मर्जी से दुकानें बंद कर रहे हैं।
किसान नेता और आरएलपी जिलाध्यक्ष राजेंद्र फौजी ने बताया कि जिले के 36 कस्बों समेत पूरा झुंझुनू जिला आज बंद रहा। उन्होंने कहा कि शहर से लेकर गांवों तक कोई भी दुकान नहीं खुली, जिससे यह साफ है कि आमजन स्मार्ट मीटर को लेकर कितना आक्रोशित है।
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