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अत्याधुनिक हवाई सुविधाओं के विस्तार से अर्थव्यवस्था को मिलेगी गति
जयपुर। अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक स्मारकों के लिए प्रसिद्ध राजस्थान हर साल लाखों पर्यटकों का स्वागत-सत्कार कर ‘पधारो म्हारे देश‘ की अपनी परम्परा को साकार कर रहा है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के कुशल नेतृत्व में हो रहे हवाई सेवाओं के विस्तार से राज्य के पर्यटन और आर्थिक विकास को नई दिशा मिली है। हवाई सेवाएं केवल पर्यटकों को ही नहीं, बल्कि व्यापारियों, निवेशकों और छात्रों को भी राज्य से जोड़ती हैं, जिससे राजस्थान व्यापार और निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य बन गया है।
प्रदेश को कोटा-बूंदी ग्रीनफ़ील्ड एयरपोर्ट की मिली सौगात-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 19 अगस्त को केन्द्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति द्वारा 1 हजार 507 करोड़ रूपये की अनुमानित लागत से कोटा-बूंदी में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा विकसित करने के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (ए.ए.आई) के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इसके निर्माण के लिए ए.ए.आई को 440.65 एकड़ भूमि प्रदान की गई है। इस ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट में यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं मिल सकेगी। परियोजना के अनुसार इस हवाईअड्डे में ए-321 श्रेणी के विमानों का संचालन किया जाएगा।
वहीं, 20 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में एक टर्मिनल भवन का निर्माण किया जाएगा। जो व्यस्त समय के दौरान 1 हजार यात्रियों (पीएचपी) को संभालने में सक्षम होगा और जिसकी प्रति वर्ष यात्री वहन क्षमता बीस लाख (एमपीपीए) होगी। प्रदेशवासियों को अत्याधुनिक हवाई सुविधाएं उपलब्ध कराने के क्रम में कोटा ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट मील का पत्थर साबित होगा। इस ग्रीनफील्ड हवाईअड्डे के निर्माण से प्रदेश में न केवल पर्यटन को गति मिलेगी अपितु शिक्षा एवं व्यापारिक गतिविधियों में भी इजाफा होगा। इसके साथ ही प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी अपेक्षित गति मिलेगी।
एयरो स्पोर्ट्स गतिविधियों हेतु हवाई पट्टियों की भूमि लीज आवंटन नीति-
23 अगस्त को आयोजित हुई मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य सरकार द्वारा विमानन क्षेत्र के विस्तार के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। जिसके अंतर्गत एयरो स्पोर्ट्स गतिविधियों को बढ़ावा देने, वर्तमान में कम उपयोग में आ रही हवाई पट्टियों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने और एडवेंचर ट्यूरिज्म को प्रोत्साहन देने के लिए “एयरो स्पोर्ट्स गतिविधियों हेतु हवाई पट्टियों की भूमि लीज आवंटन नीति“ को मंजूरी दी गई है।
इस नीति से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित हांगे, साथ ही राज्य के राजस्व तथा जीडीपी में भी अभिवृद्धि होगी। इस नीति के तहत भूमि का लीज शुल्क 100 रुपये प्रति वर्ग मीटर प्रति वर्ष तथा कंसेशन शुल्क 6 लाख रुपये प्रति एयरस्ट्रिप प्रति वर्ष होगा। पहले 5 वर्षों तक दरों में 5 प्रतिशत एवं 6वें से 20वें वर्ष तक 10 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि की जाएगी। लीज अवधि अधिकतम 20 वर्ष की होगी तथा अधिकतम 2000 वर्ग मीटर भूमि आवंटित की जा सकेगी।
फ्लाइंग ट्रेनिंग स्कूल- प्रदेश के युवाओं के सपनों को लगे पंख-
प्रदेश में विमानन क्षेत्र के विकास एवं युवाओं की इस क्षेत्र में भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए गत वर्ष किशनगढ़, अजमेर में फ्लाइंग ट्रेनिंग ऑर्गनाइजेशन (FTO) की स्थापना की गई है। इसी कड़ी में भीलवाड़ा की हमीरगढ़ हवाई पट्टी को विकसित करते हुए फ्लाइंग स्कूल खोला जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा जरूरी स्वीकृतियां प्रदान कर दी गई हैं। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार द्वारा बजट घोषणाओं के क्रम में भीलवाड़ा, सीकर, झुंझुनू, चूरू, झालावाड़, और श्रीगंगानगर की हवाई पट्टियों पर एफटीओ स्थापित करने के लिए भी राज्य सरकार प्रयासरत है।
हवाई सेवाओं का विस्तार, आसान हो रही मंजिल की उड़ान-
देश विदेश से आने वाले पर्यटकों को विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध करने की दृष्टि से केंद्र सरकार द्वारा जयपुर हवाई अड्डे पर समर्पित राज्य टर्मिनल के निर्माण के लिए 12,778 वर्ग मीटर भूमि आवंटित की गई है। राज्य सरकार द्वारा जल्द ही टर्मिनल भवन का निर्माण प्रारम्भ किया जाएगा। किशनगढ़ हवाई अड्डे के विकास एवं विस्तार के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को निःशुल्क भूमि उपलब्ध करवाई गई है। साथ ही, उदयपुर हवाई अड्डे के विकास एवं विस्तार तथा उत्तरलाई (बाड़मेर) में सिविल एन्क्लेव के निर्माण के लिए भी निःशुल्क भूमि आवंटन प्रक्रियाधीन है।
राजस्थान में पर्यटन स्थल, धार्मिक स्थल, औद्योगिक क्षेत्र और शैक्षिक संस्थान बड़ी संख्या में हैं, जिसके दृष्टिगत क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना राज्य के लिए अत्यंत महत्पूर्ण है। वर्तमान में राज्य में तीन हवाई अड्डों से आरसीएस उड़ाने संचालित हैं। राज्य सरकार ने माउंट आबू, सीकर, सवाई माधोपुर, भीलवाड़ा और श्रीगंगानगर जैसे महत्वपूर्ण स्थलों को भी इस योजना में शामिल करने का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा है। इससे प्रदेश में पर्यटन और रोजगार के नये द्वार खुलेंगे। साथ ही, बीकानेर, जोधपुर और किशनगढ़ से मुम्बई, कोलकाता, सूरत और बेंगलुरू जैसे महानगरों के लिए नियमित उड़ानें शुरु किए जाने का भी केन्द्र सरकार से आग्रह किया गया।
क्षेत्रीय हवाई संपर्क (आरसीएस) उड़ानों के लिए विमान ईंधन पर वैट को 26 प्रतिशत से घटाकर एक प्रतिशत किया गया है। प्रदेश में राज्य सरकार की 19 हवाई पट्टियां हैं, जिनकी लम्बाई 3,300 फीट से लेकर 9,800 फीट तक है। इन हवाई पट्टियों को विभिन्न प्रकार की गतिविधियों जैसे-फ्लाइंग ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन, एयर स्पोर्ट्स एवं एमआरओ संचालन आदि के लिए उपलब्ध करवाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त राज्य में लगभग 118 हैलीपेड हैं। राज्य सरकार द्वारा सभी जिला मुख्यालयों सहित प्रमुख पर्यटन स्थलों तथा चिकित्सा सहायता एवं इमरजेंसी रेस्पॉन्स के लिए भी अतिरिक्त हैलीपेड का निर्माण प्रक्रियाधीन है।
निवेश एवं नीति से बदलेगा विकास का परिदृश्य-
राज्य सरकार द्वारा आयोजित राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट एवं राजस्थान इन्वेस्टमेंट प्रमोशन स्कीम (रिप्स) के तहत विशेष प्रावधान के परिणामस्वरूप विमानन क्षेत्र में निवेशकों से अब तक 10 से अधिक एमओयू किए जा चुके हैं, जिनसे लगभग 1500 करोड़ रुपये का निवेश संभावित है। प्रदेश में विमानन क्षेत्र में आधारभूत ढांचे का विकास और क्षेत्रीय हवाई संपर्क में सुधार की दृष्टि से नागरिक विमानन नीति-2024 जारी की गई। इस नीति में विमानन प्रशिक्षण सुविधाओं, विमानन रखरखाव सेवाओं को बढ़ाने और एयरोस्पेस गतिविधियों को विकसित करने पर जोर दिया गया है।