- नेक्स्ट जनरेशन जीएसटी रिफॉर्म से कृषि, डेयरी व ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संबल
- ट्रैक्टर, मशीनरी, जैव-उर्वरक और डेयरी उत्पादों पर 5% जीएसटी
- महिला स्वयं सहायता समूहों की आय व सशक्तिकरण में वृद्धि
Next-Gen GST Reforms : संसदीय कार्य, विधि एवं विधिक कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने सोमवार को विधानसभा क्षेत्र लूणी के सर गांव में किसानों के साथ बैठक कर नेक्स्ट जनरेशन जीएसटी रिफॉर्म पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह रिफॉर्म नवरात्र के पावन पर्व पर सम्पूर्ण देश में लागू हुआ है और ‘सबका साथ सबका विकास’ की भावना को आगे बढ़ाता है।
पटेल ने बताया कि इस नई व्यवस्था से कृषि और डेयरी क्षेत्र को बड़ा लाभ मिलेगा। 1800 सीसी तक के ट्रैक्टर और उसके पार्ट्स, 15 एचपी से अधिक शक्ति के फिक्स्ड स्पीड डीजल इंजन, कटाई-थ्रेसिंग और कम्पोस्ट मशीन पर अब केवल 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगी। इससे किसानों पर आर्थिक बोझ कम होगा और कृषि मशीनीकरण को बढ़ावा मिलेगा।
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा पहले अमोनिया, सल्फ्यूरिक एसिड, नाइट्रिक एसिड, जैव-कीटनाशक और सूक्ष्म पोषक तत्व पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगती थी, जिसे अब घटाकर 5 प्रतिशत किया गया है। जैव-कीटनाशकों और कई सूक्ष्म पोषक तत्वों को भी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत स्लैब में लाया गया है।
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डेयरी उत्पादों को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए मक्खन, घी, संरक्षित सब्जियां और फल भी 5 प्रतिशत जीएसटी स्लैब में रखे गए हैं जबकि दूध और पनीर को जीएसटी से मुक्त रखा गया है। इससे हर घर तक किफायती डेयरी उत्पाद पहुंच सकेंगे।
पटेल ने बताया कि महिला स्वयं सहायता समूह प्रत्यक्ष रूप से डेयरी व प्रसंस्करण उद्योग से जुड़े हुए हैं। नेक्स्ट जनरेशन जीएसटी रिफॉर्म से उनकी आय में वृद्धि होगी और उनका सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण सुनिश्चित होगा। इस संवाद में जनप्रतिनिधिगण एवं ग्रामीण भी मौजूद रहे।