कार्मिक विभाग सख्त, दिव्यांग कोटे से नियुक्त कर्मचारियों की होगी पुन: जांच

कार्मिक विभाग
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  • फर्जी प्रमाण पत्र से नौकरी पाने वालों पर होगी करवाई

जयपुर। भर्ती परीक्षाओं में धांधली और गड़बड़ी की घटनाओं के बाद राजस्थान सरकार ने दिव्यांग कोटे से नौकरी करने वाले कर्मचारियों की दोबारा जांच कराने का बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई कर्मचारी फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करता पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। कार्मिक विभाग के शासन सचिव कृष्ण कांत पाठक ने जानकारी दी कि प्रदेश के सभी सरकारी विभागों में दिव्यांग कोटे के अंतर्गत कार्यरत कर्मचारियों की मेडिकल जांच और दस्तावेज़ों का पुनः सत्यापन किया जाएगा। इसके लिए सरकारी मेडिकल कॉलेजों के अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में मेडिकल बोर्ड गठित किए जाएंगे।

सरकार का उद्देश्य – पारदर्शिता और भ्रष्टाचार पर रोक

हाल ही में कई मामलों में फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र का उपयोग कर नौकरी हासिल करने वाले शिक्षक और अन्य कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। सरकार का मानना है कि इस तरह की धोखाधड़ी न केवल योग्य अभ्यर्थियों के साथ अन्याय है, बल्कि यह सरकारी व्यवस्था पर भी प्रश्नचिह्न लगाती है। नई जांच व्यवस्था से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि केवल वास्तविक दिव्यांगजन ही आरक्षण का लाभ उठा सकें।

फर्जी पाए गए तो होगी बड़ी कार्रवाई

सरकार ने संकेत दिए हैं कि जांच में यदि कोई कर्मचारी फर्जी ढंग से नियुक्त पाया गया तो उसकी सेवा समाप्त करने के साथ-साथ उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। साथ ही, भविष्य में भर्ती परीक्षाओं और नियुक्तियों में ई-केवाईसी और मेडिकल वेरिफिकेशन को और सख्त किया जाएगा।

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