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आज का समय Skills, Startups और Sports का अमृतकाल है : कर्नल राज्यवर्धन
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इस वर्ष लगभग 3 लाख युवाओं को 663 कौशल विकास केंद्रों के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया, और ₹683 करोड़ से अधिक का भत्ता वितरित किया गया है : कर्नल राज्यवर्धन
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कौशलयुक्त युवा भारत की पहचान बनाएंगे: विश्व युवा कौशल दिवस पर कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ का संदेश
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भारत को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा युवाओं का कौशल : कर्नल राज्यवर्धन राठौड़
जयपुर। विश्व युवा कौशल दिवस के अवसर पर राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने प्रदेश के युवाओं को प्रेरणादायक संदेश देते हुए कहा कि राजस्थान की कामकाजी आबादी अब कुल जनसंख्या का 63% हो चुकी है। यह 15 से 59 वर्ष की आयु-वर्ग की वह शक्ति है जो आने वाले वर्षों में राजस्थान को देश का सबसे युवा प्रदेश बना देगी। उन्होंने कहा, “यह बढ़ती हुई युवा आबादी हमारे लिए एक महान अवसर है, लेकिन यदि इसे दिशा और कौशल नहीं मिले तो यह चुनौती भी बन सकती है। यही कारण है कि हम कौशल को न सिर्फ रोजगार पाने का माध्यम, बल्कि रोजगार देने की क्षमता का आधार मानते हैं।”
कर्नल राज्यवर्धन ने जानकारी दी कि राजस्थान कौशल नियोजन एवं उद्यमिता विभाग द्वारा इस वर्ष लगभग 3 लाख युवाओं को 663 कौशल विकास केंद्रों के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया, और ₹683 करोड़ से अधिक का भत्ता वितरित किया गया है। अपने भाषण में उन्होंने कोलकाता के पिंटू पोहन की कहानी सुनाई, जिन्होंने पान की दुकान चलाने के साथ-साथ 12 उपन्यास और 200 से अधिक कहानियां लिखी हैं। यह कहानी इस बात की मिसाल है कि अगर संकल्प हो तो कोई भी परिस्थिति हमारी राह नहीं रोक सकती। दुनिया को अपनी ताकत दिखाएं, क्योंकि आज का समय Skills, Startups और Sports का अमृतकाल है।
कर्नल राठौड़ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की उस बात को भी दोहराया, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत के पास दो सबसे बड़ी शक्तियां हैं – Democracy और Demography। पूरी दुनिया इस बात को स्वीकार कर रही है कि भारत के पास वह युवा शक्ति है जो दुनिया को नेतृत्व दे सकती है। उन्होंने ISRO के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि 41 वर्षों बाद भारतीय ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर जाकर भारत का झंडा फहराया है। यह मिशन भारत सरकार की दूरदर्शिता और युवाओं में विश्वास का प्रतीक है। अपने संदेश के अंत में कर्नल राठौड़ ने कहा, “आने वाले वर्षों में तकनीक आधारित कौशल ही रोजगार देने वाला यंत्र बनेगा। Rajasthan का युवा यदि आज कौशल सीखने का संकल्प लेता है, तो कल भारत के सम्मान की सबसे बड़ी वजह भी वही बनेगा।”
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