- हाईकोर्ट का स्टे आदेश : हनुमान बेनीवाल को सरकारी आवास नोटिस से राहत
- राज्य सरकार से जवाब तलब : नेताओं को मिलने वाली सुविधाओं की पूरी जानकारी मांगी
- विवादित नोटिस पर रोक : जांच पूरी होने तक आवास खाली नहीं करना होगा
Relief for Hanuman Beniwal जयपुर। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) के नेता और नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल को राजस्थान हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। जयपुर के जालूपुरा स्थित सरकारी बंगले (बी7) और ज्योतिनगर विधायक फ्लैट खाली करने के नोटिस पर कोर्ट ने फिलहाल रोक लगा दी है। जस्टिस समीर जैन की बेंच ने यह आदेश सुनाते हुए न केवल नोटिस पर स्टे लगाया बल्कि राज्य सरकार के मुख्य सचिव और संपदा अधिकारी से विस्तृत जवाब भी मांगा है।
कोर्ट ने पूछा है कि प्रदेश में किन विधायकों, पूर्व विधायकों, मंत्रियों और पूर्व मंत्रियों को सरकारी आवास और अन्य सुविधाएं मिल रही हैं। यह सवाल इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि मामला सरकारी संसाधनों के उपयोग और नियमों के पालन से सीधे जुड़ा है।
राज्य सरकार ने आरोप लगाया था कि हनुमान बेनीवाल ज्योतिनगर के विधायक फ्लैट और जालूपुरा के विधायक बंगले पर कब्जा बनाए हुए हैं। 1 जुलाई 2025 को पहला नोटिस जारी किया गया था और इसके बाद चार और नोटिस भेजे गए, लेकिन आवास खाली नहीं किया गया।
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बेनीवाल ने इन नोटिसों को हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए अपनी याचिका में कहा कि संपदा विभाग ने बिना नियमों का पालन किए जल्दबाजी में कार्रवाई की है। उन्होंने नोटिस को अनुचित और अपमानजनक बताते हुए रद्द करने की मांग की।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जब तक मामले की पूरी तरह जांच नहीं हो जाती, तब तक नोटिस पर रोक रहेगी। अब राज्य सरकार को विस्तृत जवाब देना होगा कि किन नेताओं को सरकारी आवास और सुविधाएं मिल रही हैं। इसके बाद आगे की सुनवाई होगी।
इस विवाद के बीच, राज्य सरकार ने पूर्व विधायकों पुखराज गर्ग और नारायण बेनीवाल की पेंशन रोक दी है। नारायण बेनीवाल, हनुमान बेनीवाल के भाई हैं। उन पर भी नियम तोड़कर सुविधाओं का लाभ लेने का आरोप है। हालांकि, हनुमान बेनीवाल सांसद हैं, इसलिए उनके वेतन और संसदीय सुविधाओं पर असर नहीं पड़ा है।