संविधान बचाओ रैली : कांग्रेस ने चुनाव प्रक्रिया और संस्थाओं की निष्पक्षता पर उठाए सवाल

संविधान बचाओ रैली
संविधान बचाओ रैली

जयपुर। कांग्रेस पार्टी ने आज चौमूं विधानसभा क्षेत्र में ‘संविधान बचाओ रैली’ का आयोजन किया, जिसमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, एआईसीसी सचिव व सह-प्रभारी राजस्थान चिरंजीवी राव और विधायक शिखा मील बराला सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस पदाधिकारी व कार्यकर्ता शामिल हुए। रैली में डोटासरा ने भाजपा सरकार पर संविधान के खुले उल्लंघन, लोकतंत्र को कमजोर करने और जनविरोधी नीतियों को थोपने का तीखा आरोप लगाया। सभा को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सवाल उठाया कि क्यों आज संविधान पर खतरा मंडरा रहा है और क्यों ऐसी रैलियां करनी पड़ रही हैं।

उन्होंने भाजपा सरकार पर स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव एक साल से अधिक समय तक टालने का सीधा आरोप लगाया, इसे संविधान का उल्लंघन बताया। डोटासरा ने कहा कि भाजपा सरकार परिसीमन को लंबा खींचकर चुनाव टाल रही है और मनमाने ढंग से पंचायतों का सीमांकन और पुनर्गठन कर रही है। उन्होंने भाजपा के इस तर्क को खारिज किया कि कांग्रेस सरकार ने भी कार्यकाल बढ़ाया था, यह कहते हुए कि उस समय कोरोना महामारी के कारण सुप्रीम कोर्ट की इजाजत से ऐसा किया गया था, जबकि भाजपा सरकार बिना किसी आपात स्थिति या न्यायिक अनुमति के ऐसा कर रही है।

डोटासरा ने केंद्र सरकार पर संवैधानिक संस्थाओं जैसे ईडी, इनकम टैक्स और सीबीआई के दुरुपयोग का भी गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ये एजेंसियां केवल कांग्रेस नेताओं के खिलाफ ही कार्रवाई करती हैं, जबकि भाजपा नेताओं को बख्शा जाता है। उन्होंने भविष्यवाणी की कि सरकार बदलने पर भाजपा नेताओं के यहां से “काली कमाई” मिलेगी।
कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में किए गए वादों, जैसे किसानों की आय दोगुनी करने, को “जुमला” करार दिया। उन्होंने भाजपा सरकार द्वारा लाए गए तीन “काले कृषि कानूनों” की कड़ी आलोचना की, और कहा कि इन कानूनों का उद्देश्य किसानों की जमीन और उपज पर अडानी-अंबानी जैसे उद्योगपतियों का अधिकार दिलाना था।

उन्होंने पुलवामा और पहलगाम जैसी आतंकवादी घटनाओं पर केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया और पाकिस्तान के प्रति कथित नरम रुख पर भी सवाल उठाए। डोटासरा ने भाजपा सरकार को “स्मार्ट मीटर” लगाने की योजना पर भी घेरा, इसे किसानों और आम उपभोक्ताओं को मिल रही मुफ्त बिजली बंद करने की साजिश बताया। उन्होंने कहा कि यह प्रीपेड मोबाइल सिस्टम जैसा है, जहां पहले पैसे जमा करने पर ही बिजली मिलेगी, जिससे गरीब और किसान बुरी तरह प्रभावित होंगे।

उन्होंने राजस्थान सरकार पर “सरकार नहीं सर्कस” होने का आरोप लगाते हुए कैबिनेट मंत्री किरोड़ी मीणा के अवैध बजरी खनन के आरोपों का हवाला दिया। कांग्रेस अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे भाजपा द्वारा वोटर लिस्ट में हेरफेर की संभावित साजिश के खिलाफ सतर्क रहें और जनता के बीच जाकर कांग्रेस व भाजपा के बीच का अंतर स्पष्ट करें। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अत्याचार और अन्याय बर्दाश्त नहीं करेगी और कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर आने वाले चुनावों में भाजपा को सबक सिखाने के लिए कमर कसनी होगी।

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