योग से स्वास्थ्य, संस्कार व समृद्धि का बीजारोपण करें : स्वामी परमार्थदेव जी

स्वामी परमार्थदेव जी
स्वामी परमार्थदेव जी

जैसलमेर। पतंजलि योगपीठ हरिद्वार के मुख्य केन्द्रीय प्रभारी पूज्य स्वामी परमार्थदेव जी महाराज ने राजस्थान पश्चिम में नौ दिवसीय प्रवास (02 से 10 सितम्बर 2025) के दौरान 66 जिलों में लगभग 2500 किलोमीटर की यात्रा कर योग का संदेश दिया। इस अवधि में उन्होंने 08 नि:शुल्क इंटीग्रेटेड योग शिविर, 04 जिला स्तरीय कार्यकर्ता बैठकें आयोजित कीं और 20 हजार से अधिक योग साधकों एवं आमजन को योग व आयुर्वेद से जोड़ने का आह्वान किया।

स्वामी परमार्थदेव जी ने जोधपुर, जैसलमेर, तनोट, चौहटन, बाड़मेर, सांचोर, सुमेरपुर और पाली में आयोजित शिविरों में कहा कि “यदि हम अपने राष्ट्र को सबल, समर्थ और विश्वगुरु के पद पर आरूढ़ करना चाहते हैं, तो योग, आयुर्वेद और स्वदेशी ही उसका एकमात्र विकल्प है।” उन्होंने युवाओं से आव्हान किया कि वे योगी बनें, जिससे उनके संकल्प-बल और नैतिक-बल को सशक्त आधार मिलेगा।

जैसलमेर प्रवास के दौरान उन्होंने तनोट माता मंदिर परिसर में BSF जवानों के साथ विशेष योग शिविर भी आयोजित किया। उन्होंने बताया कि शशांकासन, मंडूकासन, सेतुबंधासन, पवनमुक्तासन, उत्तानपादासन व कपालभाति प्राणायाम जैसे अभ्यास मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, मोटापा, कब्ज, माइग्रेन व जोड़ों के दर्द जैसे रोगों में लाभकारी हैं।

स्वामी जी ने पतंजलि योग समिति, भारत स्वाभिमान, युवा भारत, पतंजलि किसान सेवा समिति आदि संगठनों की मुक्तकंठ से सराहना की। उन्होंने जैविक आहार, विषमुक्त खेती, गौपालन, परंपरागत चिकित्सा, भारतीय शिक्षा बोर्ड से जुड़कर शिक्षा क्रांति लाने तथा स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग पर जोर दिया।  कार्यक्रम में राजस्थान पश्चिम के विभिन्न जिलों से कार्यकर्ता, पदाधिकारी एवं विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की। योग शिक्षकों ने जलनेति, सूत्रनेति, धोती आदि क्रियाओं का प्रदर्शन कर उपस्थितजनों को योग की बारीकियों से अवगत कराया।

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