जयपुर। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने बुधवार को स्पष्ट किया कि सदन में लगाए गए कैमरों से किसी सदस्य की निजता भंग नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रतिपक्ष द्वारा लगाए गए आरोप निराधार हैं। देवनानी ने सदन की गरिमा और नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए लगाए गए कैमरों की आवश्यकता को महत्व देते हुए बताया कि ये सभी कदम सदन की सुरक्षा और पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के लिए हैं।
सदन लोकतंत्र का मंदिर
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विधानसभा सदन लोकतंत्र का मंदिर है और सभी विधायकों का दायित्व है कि वे सदन की गरिमा बनाए रखें। उन्होंने प्रतिपक्ष के कुछ सदस्यों द्वारा कैमरों पर उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि सदन के नवीन भवन में स्थापना के समय से ही कैमरे लगे हुए हैं।
कैमरों का अपग्रेडेशन और तकनीकी पहल
विधानसभा में वन नेशन वन एप्लीकेशन के तहत पेपरलेस प्रणाली के अंगीकार के साथ कैमरों को अपग्रेड किया गया। कैमरों से ऑडियो रिकॉर्डिंग नहीं की जाती, केवल वीडियो कवरेज के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। कैमरों से सदन की बैठकों और आस-पास के सभी दीर्घाओं और आसनों का कवरेज किया जाता है, जिसमें राज्यपाल दीर्घा और अधिकारियों की दीर्घा भी शामिल हैं। कैमरे 360 डिग्री कवरेज क्षमता वाले हैं और संचालन के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश बनाए गए हैं।
सुरक्षा के लिए आवश्यक कैमरे
देवनानी ने कहा कि सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रतिपक्ष की आपत्ति समझ से बाहर है। सदन में कैमरों की मदद से सुरक्षा मजबूत होती है। बैठक के दौरान और बाहर भी उपकरणों की निगरानी, सफाई और रखरखाव के लिए कर्मियों का आवागमन होता है। इससे सदन में किसी भी प्रकार की सुरक्षा खामी नहीं रहती।
निजता का उल्लंघन नहीं
विधानसभा अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि कैमरों का अपग्रेडेशन किसी सदस्य की निजता भंग नहीं करता। कैमरे ऊँची दिशा में लगे हुए हैं और किसी विशेष सदस्य पर केंद्रित नहीं हैं। अन्य राज्यों की विधानसभाओं और लोकसभा में भी इसी तरह कैमरे लगाए गए हैं। कैमरों का उद्देश्य सदन में सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है, न कि किसी की निजी जानकारी रिकॉर्ड करना।
विधानसभा अध्यक्ष का संदेश
देवनानी ने सभी विधायकों से अपील की कि सदन की गरिमा बनाए रखना हर सदस्य का दायित्व है। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए, किसी भी सदस्य की निजता का उल्लंघन नहीं होगा।
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