जयपुर। खान, भू विज्ञान एवं पेट्रोलियम के प्रमुख सचिव टी. रविकान्त ने कहा है कि प्रमुख खनिजों की नीलामी में समूचे देश में अग्रणी होने के साथ ही अब नीलाम खानों को परिचालन में लाने में भी राज्य अग्रणी राज्यों में शुमार हो जाएगा। अगले तीन से चार माह में आवश्यक अनुमतियों की औपचारिकताएं पूरी करवाकर करीब 10 प्रधान खनिज खानों को परिचालन में लाया जा सकेगा। उन्होंने स्टेक होल्डर्स से कहा कि वे तय समय सीमा में आवश्यक औपचारिकताएं व सबंधित स्थानों पर आवेदन प्रस्तुत करें ताकि समय पर अनुमतियां जारी हो सके। टी. रविकान्त बुधवार को आरआईसी में खान, वन एवं पर्यावरण, सीया, जीएसआई, आईबीएम व स्टेक होल्डर्स के साझा मंच को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि नीलाम खानों को जल्द से जल्द परिचालन में लाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है और मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा लगातार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि संबंधित विभाग परस्पर सहयोग व समन्वय से नीलाम खानों को आवश्यक अनुमतियां जारी कर परिचालन के समन्वित प्रयास करें ताकि प्रदेश में खनिज क्षेत्र में निवेश, रोजगार और राजस्व में बढ़ोतरी हो सके। उन्होंने बताया कि वर्ष 2016 से नीलामी प्रावधान के बाद से अब तक केवल 5 खानों में कार्य आरंभ हो सका है। हमारा प्रयास है कि अगले महीनों में प्राथमिकता से कार्य करते हुए 10 नई खानों में कार्य आरंभ हो जाए। रविकान्त ने कहा कि स्टेक होल्डर्स अनुमतियों के लिए आवश्यक आवेदन करने में देरी ना करे।
रविकान्त ने सीया से आग्रह किया कि वे एक मानक चैक लिस्ट उपलब्ध करवा दें ताकि स्टेक होल्डर्स द्वारा उसी के अनुसार दस्तावेज प्रस्तुत किए जा सकें। इसी तरह से अन्य अनुमतियों की भी एसओपी उपलब्ध हो जाए तो स्टेक होल्डर्स उसके अनुसार कार्रवाई कर सके। उन्होंने केन्द्र सरकार की पर्यावरण स्वीकृति के पहले स्टडी के केन्द्र सरकार के अनुमोदित सलाहकारों की सूची भी उपलब्ध करा दें व आवश्यक समझे जाने पर स्टेक होल्डर्स व सलाहकारों का ओरिएंटेशन भी करवाया जा सकता है। उन्होंने सभी संबंधित संस्थाओं से आग्रह किया कि नीलाम खानों की अनुमतियों के लिए प्राप्त प्रस्तावों पर प्राथमिकता से निर्णय ले ताकि समय पर जरूरी अनुमतियां जारी होने से परिचालन आरंभ हो सके।
वन विभाग के नोडल अधिकारी अरुण प्रसाद, सीया के सदस्य सचिव विजय एन. ने औपचारिकताओं के संबंध में विस्तार से जानकारी दी और चेक लिस्ट उपलब्ध करवाने पर सहमति दी। सेक के सदस्य राजीव महनोत ने भी सुझाव दिए। भारतीय खान ब्यूरो के क्षेत्रीय नियंत्रक चन्द्रेश बोहरा ने बताया कि प्राप्त माइनिंग प्लानों के अनुमति के कार्य में तेजी लाई गई है और शीघ्र ही प्लसन जारी कर दिया जाएंगे। खान निदेशक दीपक तंवर ने कहा कि सरकार के द्वारा नीलाम खानों को परिचालन में लाने पर जोर दिया जा रहा है और इसके लिए अभियान के तौर पर कार्य आरंभ कर दिया है। उन्होंने बताया कि संबंधित विभागों और स्टेक होल्डर्स की कार्यशाला का उद्देश्य भी यही है कि कार्य को गति दी जा सके।
अंबुजा, डालमिया, जेके लक्ष्मी, नुवाको, जेएसड्ब्लू सीमेंट सहित एक दर्जन से अधिक स्टेक होल्डर्स ने एक स्वर में राज्य सरकार की पहल की सराहना करते हुए विश्वास दिलाया कि उनके स्तर पर पेंडिंग औपचारिकताओं को शीघ्र पूरा कर दिया जाएगा। कार्यशाला में अतिरिक्त निदेशक महेष माथुर, एसएमई, सतर्कता प्रताप मीणा, एसजी संजय सक्सेना ने विभिन्न स्तरों पर पेंडिंग प्रकरणों की जानकारी दी। कार्यशाला में संयुक्त सचिव खान आशु चौधरी, अतिरिक्त निदेशक एमपी मीणा, अतिरिक्त निदेशक भूविज्ञान आलोक जैन, एसएमई एनएस शक्तावत, भीम सिंह, ओएसडी कृष्ण शर्मा, एसजी सचिवालय सुनील वर्मा सहित संबंधित विभागों के अधिकारी व स्टेक होल्डर्स ने हिस्सा लिया।
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