राजस्थान बाघ संरक्षण फाउंडेशन की बैठक आयोजित

राजस्थान बाघ संरक्षण फाउंडेशन
राजस्थान बाघ संरक्षण फाउंडेशन

जयपुर। राज्य में बाघ के संरक्षण एवं टाइगर रिजर्व्स की प्रभावी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के उद्देश्य से गठित राजस्थान बाघ संरक्षण फाउंडेशन के शासी निकाय की तृतीय बैठक शुक्रवार को अरण्य भवन में वन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संजय शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में रणथम्भौर, सरिस्का, रामगढ़ विषधारी, धौलपुर एवं मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बाघों की वर्तमान संख्या, उनके मूवमेंट पैटर्न, मानव-वन्यजीव संघर्ष की स्थिति, निगरानी व्यवस्था में तकनीकी संसाधनों का उपयोग तथा बाघ संरक्षण से जुड़ी प्रमुख योजनाओं और भावी रणनीतियों पर विस्तृत चर्चा की गई।

संजय शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार जैव विविधता संरक्षण एवं बाघों की सुरक्षा को लेकर कटिबद्ध है। उन्होंने निर्देश दिए कि सीसीटीवी, ड्रोन सर्विलांस एवं ई-गश्त प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाते हुए टाइगर रिजर्व की निगरानी को सुदृढ़ किया जाए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि रात्रि प्रवास, संवाद कार्यक्रमों एवं जागरूकता अभियानों के माध्यम से स्थानीय समुदायों को टाइगर रिजर्व के नियमों और बाघ संरक्षण के महत्व से अवगत कराया जाए।

पर्यटक सुविधाएं एवं ई-गवर्नेंस पर ज़ोर शर्मा ने निर्देश दिए कि अभयारण्यों में आने वाले पर्यटकों के लिए सभी मूलभूत सुविधाएं, स्वच्छता और रखरखाव की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। साथ ही, विभाग की वेबसाइट को अधिक आकर्षक और यूजर फ्रेंडली बनाया जाए ताकि पर्यटकों को टिकट बुकिंग एवं अन्य सेवाएं पारदर्शी और सहज रूप से प्राप्त हो सकें। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मेधावी विद्यार्थियों को पर्यावरण एवं वन्यजीवों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से निःशुल्क भ्रमण कार्यक्रमों की व्यवस्था की जाए। साथ ही, अभयारण्यों से जुड़ी सड़कों की मरम्मत एवं चौड़ाईकरण कार्यों को भी नियमानुसार शीघ्र पूर्ण किया जाएं।

बैठक में बताया गया कि मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए बाड़बंदी, शीघ्र मुआवजा वितरण एवं स्थानीय समुदायों के साथ समन्वय जैसे कदम उठाए जा रहे हैं। वन विभाग के कार्मिकों एवं टाइगर रिजर्व से सटे क्षेत्रों के स्थानीय निवासियों के लिए जीवन बीमा भी करवाया जा रहा है। इस दौरान अनिल अग्रवाल फाउंडेशन द्वारा रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में एक करोड़ रुपये लागत के पेट्रोलिंग वाहन एवं एंटी-पोचिंग कैंप के लिए किए गए एमओयू का अनुमोदन किया गया। बैठक में उपस्थित सदस्यों द्वारा दिए गए सुझावों के आधार पर आगामी कार्ययोजना तैयार की गई। साथ ही, बाघों के व्यवहार, स्वास्थ्य निगरानी, रेडियो कॉलर ट्रैकिंग एवं कॉरिडोर की स्थिति की गहन समीक्षा की गई।

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