शहरी सेवा शिविर 2025 : आमजन को राहत, कच्ची बस्तियों को मिली कानूनी पहचान

Urban Service Camps 2025: Legal Recognition and Faster Public Services
image source: via Dipr
  • शहरी सेवा शिविर 2025 में 3,656 पट्टों का वितरण, 148 बस्तियों को कानूनी पहचान
  • सफाई अभियान में 16,525.5 किमी रहवासी व 12,023.15 किमी वाणिज्यिक सड़कों की सफाई
  • स्वनिधि योजनाएं सहित 17,593 जन्म-मृत्यु व विवाह पंजीकरण प्रकरणों का निस्तारण

Urban Service Camps 2025 :  मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में शुरू हुआ ‘शहरी सेवा शिविर 2025’ अभियान प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में जनसेवा और त्वरित समाधान का पर्याय बन गया है। 17 सितम्बर से 17 अक्टूबर तक चल रहे इन शिविरों ने हजारों लोगों को राहत और अधिकार प्रदान किए हैं।

Urban Service Camps 2025: Legal Recognition and Faster Public Services
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मुख्यमंत्री के सतत् पर्यवेक्षण और निगरानी में इन शिविरों में उल्लेखनीय कार्य हुए हैं। अब तक 3,656 पट्टों का वितरण किया गया है, जिसमें धारा 69-ए के तहत 290 परिवारों को पट्टे, 237 अपंजीकृत पट्टों को पुनर्वैध कर पंजीकरण और 2,121 लोगों को कृषि भूमि पर स्वीकृत योजनाओं के अंतर्गत पट्टे दिए गए हैं। निकाय, न्यास एवं प्राधिकरण की योजनाओं के तहत 552 पट्टे जारी हुए और 63 पुराने पट्टों के समर्पण के बाद नए पट्टे पुनः जारी किए गए हैं।

कच्ची बस्ती नियमन के तहत 148 बस्तियों को कानूनी पहचान दी गई है। साथ ही 203 प्रकरणों को लीज होल्ड से फ्री होल्ड में बदला गया और 42 पट्टे स्टेट ग्रांट के तहत स्वीकृत हुए।

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यह अभियान सिर्फ पट्टों तक सीमित नहीं है। नगरीय निकायों की सफाई और सुगम व्यवस्था में भी इन शिविरों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। रहवासी क्षेत्रों में 16,525.5 किलोमीटर और वाणिज्यिक क्षेत्रों में 12,023.15 किलोमीटर सड़कों की सफाई हो चुकी है। 2,287 सीवर कनेक्शन स्वीकृत किए गए हैं और 17,593 जन्म-मृत्यु एवं विवाह पंजीकरण के प्रकरण निस्तारित हुए हैं।

प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री स्वनिधि योजनाओं के अंतर्गत भी लोगों को लाभ मिला है। पीएम स्वनिधि के 358 और सीएम स्वनिधि के 744 प्रकरण स्वीकृत किए गए। 19,797.85 मीटर नालों की मरम्मत और 11,661 पौधों का रोपण कर नगरीय जीवन को स्वच्छ और हरित बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए गए हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामाजिक सरोकारों से प्रेरणा लेते हुए मुख्यमंत्री शर्मा ने मिशन हरियालो राजस्थान, वंदे गंगा जल संरक्षण अभियान, कर्मभूमि से मातृभूमि, और पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय संबल पखवाड़ा जैसे नवाचार भी शुरू किए हैं। इन पहलों ने गांव-ढाणी से लेकर शहरों तक सेवाओं का विस्तार और सुदृढ़ीकरण सुनिश्चित किया है।