वसुंधरा राजे ने शिक्षा विभाग पर उठाए सवाल, मासूमों की मौत की ज़िम्मेदारी तय हो

वसुंधरा राजे
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झालावाड़। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने झालावाड़ जिले में हुए स्कूल भवन हादसे को बेहद दर्दनाक और हृदय विदारक बताते हुए कहा कि यह घटना प्रशासन की गंभीर लापरवाही का नतीजा है। उन्होंने कहा कि यदि शिक्षा विभाग पहले ही उन स्कूलों को चिन्हित कर लेता जो जर्जर अवस्था में हैं और बच्चों को किसी सुरक्षित भवन में स्थानांतरित कर देता, तो आज सात मासूम बच्चे काल का ग्रास नहीं बनते। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारे परिवार के सात बच्चों को भगवान ने हमसे छीन लिया। यह सिर्फ हादसा नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है। जैसे ही मुझे इस घटना की जानकारी मिली, मैं तत्काल सांसद दुष्यंत सिंह जी के साथ दिल्ली से यहां रवाना हो गई।”

वसुंधरा राजे
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राजे ने शिक्षा विभाग से आग्रह किया कि पूरे प्रदेश के स्कूल भवनों का तत्काल सर्वे कराया जाए और जो भी भवन खतरनाक स्थिति में हैं, उन्हें तुरंत खाली कराकर बच्चों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जाए। साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि पुराने, जर्जर भवनों को गिराकर नए भवनों का निर्माण कराया जाए ताकि भविष्य में ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति न हो सके। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं न सिर्फ मासूम जिंदगियों को छीनती हैं, बल्कि बच्चों और अभिभावकों के मन में भय और असुरक्षा का माहौल भी पैदा करती हैं।

राजे ने सभी से अपील की कि इस संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति न की जाए, बल्कि पीड़ित परिवारों के साथ खड़े होकर हरसंभव मदद की जाए। उन्होंने कहा, “यह समय आहत परिवारों के घावों पर मरहम लगाने का है, आरोप-प्रत्यारोप का नहीं।” पूर्व मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि हादसे से प्रभावित परिवारों की हर मांग को सक्षम स्तर पर पहुँचाकर उनका यथासंभव निस्तारण कराया जाएगा। अपनी संवेदनाएं प्रकट करते हुए वसुंधरा राजे ने दिवंगत बच्चों की आत्मा की शांति और शोकाकुल परिजनों को यह दुख सहने की शक्ति देने की प्रार्थना की।

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