श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के संचालन पर रेलवे ने बदला रुख, कहा- राज्यों की अनुमति जरूरी नही

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श्रमिक विशेष ट्रेनों को चलाने की अनुमति नहीं देने के बीच रेलवे का कहना है कि ट्रेनों के संचालन के लिए संबंधित राज्यों की अनुमति की जरूरत नहीं है।

नई दिल्ली। कई राज्यों के श्रमिक विशेष ट्रेनों को चलाने की अनुमति नहीं देने के बीच रेलवे का कहना है कि ट्रेनों के संचालन के लिए संबंधित राज्यों की अनुमति की जरूरत नहीं है। गृह मंत्रालय ने प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्यों में पहुंचाने के लिए इन ट्रेनों को चलाने के वास्ते रेलवे के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की। रेलवे के प्रवक्ता राजेश बाजपेई ने कहा, श्रमिक विशेष ट्रेनों को चलाने के लिए उन राज्यों की सहमति की आवश्यकता नहीं है जहां यात्रा समाप्त होनी है।

नई एसओपी के बाद उस राज्य की सहमति लेना अब आवश्यक नहीं है जहां ट्रेन का समापन होना है। बता दें कि रेल मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में एक बयान दिया था कि प्रवासी मजदूरों के लिए शुरू की गई श्रमिक स्पेशल ट्रेन सेवा को कई राज्य अनुमति नहीं दे रहे हैं, जिसकी वजह से अधिक ट्रेनों का संचालन नहीं हो पा रहा है।

श्रमिक विशेष ट्रेनों को चलाने के लिए उन राज्यों की सहमति की आवश्यकता नहीं है जहां यात्रा समाप्त होनी है।

केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के बीच देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए यह स्पेशल ट्रेन सेवा शुरू की है। अभी तकइन ट्रेनों के संचालन के लिए राज्यों की ओर से आवेदन करने की बात सामने आ रही थी। पश्चिम बंगाल सहित कुछ राज्यों ने कम ट्रेनों को ही अनुमति दी थी।

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रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बीते दिनों प्रवासी मजदूरों के मामले में कहा था कि प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए 1200 ट्रेन तैयार हैं। परंतु कई राज्य सरकारें कम ट्रेनों को अनुमति दे रही हैं। गोयल ने कहा था कि 1200 ट्रेनें अन्य कामों से हटाकर सिर्फ प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए रिजर्व कर दी गई हैं जिससे रोज हम 300 ट्रेनें शुरू कर सकते हैं।