
नवीन भवन का निर्माण समयबद्ध व गुणवत्तापूर्ण कराने के निर्देश
उदयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को उदयपुर के महाराणा भूपाल चिकित्सालय परिसर में जनाना अस्पताल के पुराने भवन का जायजा लिया। उन्होंने इसके जीर्णोद्धार व नवनिर्माण के संबंध में अधिकारियों से चर्चा कर महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने वर्ष 1956 में निर्मित अस्पताल के क्षतिग्रस्त पुराने भवन की वर्तमान स्थिति तथा भावी कार्ययोजना के संबंध में सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों से चर्चा की। इस दौरान जिला कलक्टर श्री ताराचंद मीणा व पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता अशोक शर्मा ने प्रस्तावित भवन और सुविधाओं के संबंध में तकनीकी जानकारी दी।

गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा भवन निर्माण के लिए 30 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। आवश्यकता होने पर और राशि स्वीकृत की जाएगी। उन्होंने गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध कार्य पूरा कराने के निर्देश दिए। इस अवसर पर संभागीय आयुक्त राजेन्द्र भट्ट, रवीन्द्र नाथ टैगोर (आरएनटी) मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विपिन माथुर, महाराणा भूपाल (एमबी) चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. आरएल सुमन सहित विभागीय अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।
सर्किट हाउस उदयपुर में सुने अभाव-अभियोग

मुख्यमंत्री ने सुबह उदयपुर सर्किट हाउस में जनसुनवाई की। आमजन की परिवेदनाओं को सुनकर प्रशासनिक व विभागीय अधिकारियों से तथ्यात्मक जानकारी ली। साथ ही त्वरित निस्तारण के निर्देश दिए। इस दौरान गहलोत ने कहा कि जन राहत के कार्य हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता हैं। हर व्यक्ति की समस्या का उचित समाधान हो और त्वरित राहत मिले, इसके लिए अधिकारी समर्पित रहें।

इस अवसर पर जिला प्रभारी व राजस्व मंत्री रामलाल जाट, सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना, राजस्थान श्रम कल्याण सलाहकार बोर्ड के उपाध्यक्ष जगदीश राज श्रीमाली, पूर्व सांसद रघुवीर मीणा, समाजसेवी दिनेश खोडनिया सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। जनसुनवाई में संभागीय आयुक्त राजेंद्र भट्ट, पुलिस महानिरीक्षक अजय पाल सिंह लांबा, जिला कलक्टर ताराचंद मीणा, पुलिस अधीक्षक भुवन भूषण यादव सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे और परिवेदनाओं के संबंध में जानकारी दी। इस दौरान शहर के एक युवा चित्रकार विशाल ने मुख्यमंत्री को उनका स्कैच भेंट किया, जिस पर मुख्यमंत्री ने अपने ऑटोग्राफ दिए। अन्य लोगों ने भी गहलोत को उपरणा, पगड़ी, तस्वीरें आदि भेंट कर लोक हितकारी योजनाओं के लिए उनका आभार जताया।
अस्पताल में भर्ती पंजीकृत श्रमिक तथा चिन्हित स्ट्रीट वैंडर्स को मिलेगी सहायता राशि

प्रदेश के असंगठित क्षेत्र के निर्माण श्रमिक कल्याण कोष के तहत पंजीकृत सक्रिय श्रमिकों एवं चिन्हित स्ट्रीट वैंडर्स को अस्पताल में भर्ती होने के दौरान राहत पहुंचाने के लिए राज्य सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। अब पंजीकृत श्रमिक व चिन्हित स्ट्रीट वैंडर्स और उनके परिवार के 25 से 60 वर्ष के सदस्य (पंजीकृत सक्रिय श्रमिक) को अस्पताल में भर्ती के दौरान अधिकतम 7 दिन की आर्थिक सहायता मिलेगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री चिरंजीवी श्रमिक सम्बल योजना-2023 के प्रारूप को सहमति प्रदान की है। योजना के तहत भर्ती के समय दैनिक मजदूरी समाप्त होने की स्थिति में श्रमिक के खाते में ऑटो डीबीटी से भर्ती की अवधि या 7 दिवस (जो भी कम हो) के लिए प्रतिदिन 200 रुपए की सहायता पहुंचाई जाएगी। यह सहायता लाभार्थी के स्वयं या परिवार के सदस्य के अस्पताल में न्यूनतम 24 घंटे भर्ती होने की स्थिति में मिलेगी।
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