
सरकार ने बोर्नविटा सहित सभी पेय पदार्थों को हेल्थ ड्रिंक की कैटेगरी से हटाने को कहा
नई दिल्ली। माता-पिता अपने बच्चों की अच्छी सेहत के लिए उन्हें बेहतर चीजें खाने को देने का प्रयास करते हैं। विज्ञापन के इस युग में बोर्नविटा सहित बहुत से ऐसे पेय पदार्थ हैं जिनके लिए दावा किया जाता है कि ये बच्चों की सेहत के लिए अच्छे हैं। लेकिन इससे उलट वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने सभी ई-कॉमर्स कंपनियों से कहा है कि वे अपनी वेबसाइट और प्लेटफॉर्म से बोर्नविटा सहित सभी पेय पदार्थों को हेल्थ ड्रिंक की कैटेगरी से हटा दें।
मंत्रालय नेइसके लिए नोटिफिकेशन जारी किया है जिसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की एक लीगल बॉडी की जांच में पाया कि हेल्थ पेय डेफिनेशन नहीं है।

पहले एफएसएसएआई ने सही कैटेगरी में डालने के दिए थे निर्देश
फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) ने 2 अप्रैल को सभी ई-कॉमर्स कंपनियों से कहा था कि वे अपनी वेबसाइट्स पर बेचे जाने वाले फूड प्रोडक्ट्स को उचित कैटेगरी में डालें। साथ ही अथॉरिटी ने किसी भी पेय पदार्थ की बिक्री बढ़ाने के लिए हेल्थ ड्रिंक और एनर्जी ड्रिंक जैसे शब्दों का दुरुपयोग नहीं करने के लिए भी कहा था।
ज्यादा शुगर के कारण बोर्नविटा को मिल चुका है नोटिस
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने पिछले साल बोर्नविटा बनाने वाली कंपनी मोंडेलेज इंटरनेशनल इंडिया लिमिटेड को नोटिस भेजा था। उसमें कहा गया था कि इस प्रोडक्ट में काफी मात्रा में शुगर की शिकायत है। कुछ ऐसे तत्व भी हैं जो बच्चों की सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं। लिहाजा कंपनी अपने प्रोडक्ट के सभी भ्रामक विज्ञापनों, पैकेजिंग और लेबल की समीक्षा करे और उन्हें वापस लें।
एनर्जी ड्रिंक और स्पोर्ट्स ड्रिंक का बड़े मार्केट पर कब्जा
एक स्टडी के अनुसार, इंडियन एनर्जी ड्रिंक और स्पोर्ट्स ड्रिंक का वर्तमान में मार्केट साइज 4.7 बिलियन डॉलर है, जो 2028 तक 5.71 फीसदी की ग्रोथ के साथ से बढ़ने की उम्मीद है।
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