नारायणा हॉस्पिटल, जयपुर में सिर्फ 18 माह के बच्चे की सफल स्पाइन सर्जरी की गई

नारायणा हॉस्पिटल
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जयपुर: नारायणा हॉस्पिटल, जयपुर ने बाल चिकित्सा न्यूरोसर्जरी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। मध्य प्रदेश के 18 माह के बच्चे को रीढ़ की हड्डी की एक दुर्लभ बीमारी थी। जिस कारण उसे गर्दन हिलाने में बहुत दिक्कत हो रही थी। जांच में पता चला कि बच्चे को क्रैनियोवर्टेब्रल जंक्शन (सीवीजे) की समस्या है। यह मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के बीच एक संक्रमण होता है। इसमें जहां मस्तिष्क रीढ़ की हड्डी से मिलता है वहां हड्डियों और जोड़ों में समस्याएं होती है। इस स्थिति में नारायणा हॉस्पिटल, जयपुर के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने एक जटिल सर्जरी करने का निर्णय लिया। इस बच्चे को एटलांटो-एक्सियल डिस्लोकेशन था।

जिसमें गर्दन की दो हड्डियां सी 1 और सी 2 ठीक से एलाइन्ड नहीं थी। यह गलत एलाइनमेंट्स रीढ़ की हड्डी को छोटा कर रहा था। ऐसी स्थिति में सर्जरी बहुत चुनौतीपूर्ण थी एवं इसे बहुत ही सावधानीपूर्वक करना महत्वपूर्ण था। बच्चे के माता पिता ने उसे कई अस्पतालों में दिखाया, पर कहीं से उम्मीद की किरण नजर नहीं आ रही थी। आखिर में वो नारायणा हॉस्पिटल, जयपुर के न्यूरोसर्जन डॉ. नितिन भाकल से मिले, एवं उनकी टीम ने बच्चे की इस जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक पूरा किया और उसे नया जीवन दिया।

नारायणा हॉस्पिटल, जयपुर के न्यूरोसर्जन डॉ. नितिन भाकल ने बताया कि, जब यह बच्चा हमारे पास आया तो उस समय तक और भी कई जटिल समस्याएं उत्पन्न हो गई थी क्योंकि मस्तिष्क में रक्त की आपूर्ति करने वाली एक धमनी में भी दिक्कत थी। सी 1 और सी 2 जोड़ के अति-सक्रिय होने और सर्जरी के दौरान यहां पर चोट लगने से बड़ा घातक परिणाम हो सकते थे।

फिर हमने बहुत ही सावधानीपूर्वक सर्जरी करने का प्लान बनाया और सी 1- सी 2 जॉइंट फ्यूजन सर्जरी की गई। इस प्रक्रिया में सी 1- सी 2 जोड़ को खोलना (सोनटैग वायरिंग तकनीक) और रीढ़ की हड्डी को डीकंप्रेस करने के लिए हटी हुई हड्डियों को फिर से एक साथ जोड़ना था। यह सर्जरी 4 घंटे लंबी चली और 2 से 3 दिनों तक बच्चे को निगरानी में रखने के बाद बच्चे को बिल्कुल स्वस्थ होने पर अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

बच्चे के माता पिता ने बताया कि छोटे से बच्चे की इस तरह की परेशानी से उनका परिवार बहुत परेशान रहता था, एवं उन्हें कहीं से कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही थी। पर जब वो नारायणा हॉस्पिटल, जयपुर के डॉक्टर्स की टीम से मिले और उन्होंने इस जटिल सर्जरी को करने का निर्णय लिया और हमें सर्जरी के बारे में अच्छे से समझाया, तब हमें घबराहट के साथ पूरा भरोसा भी था। हम डॉ. नितिन भाकल व उनकी टीम का तहे दिल से धन्यवाद करते हैं। आज उन्हीं के माध्यम से हमारे बच्चे को एक नया जीवन मिला है।

नारायणा हॉस्पिटल, जयपुर के क्लिनिकल डायरेक्टर डॉ. प्रदीप कुमार गोयल ने कहा कि हमारी प्रतिबद्धता मरीज को हर संभव केयर सुविधाएं उपलब्ध कराना है। सर्जरी की सफलता के बाद भी मरीज को बहुत ही देखरेख और सर्जरी के बाद हर समय मरीज को मार्गदर्शन की आवश्यकता पड़ती है, जिसमें हम अंत तक साथ रहते हैं। नियमित देखभाल के माध्यम से हम मरीज को संपूर्ण उपचार उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत रहते हैं।