फिर नहीं होगी सुनीता विलियम्स की पृथ्वी पर वापसी, इसलिए आई नई दिक्कत

सुनीता विलियम्स
सुनीता विलियम्स

नई दिल्ली। अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स की अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (आईएसएस) से वापसी एक बार फिर टल गई है। हालांकि, इस बार वजह अंतरिक्ष यान में आई कोई खराबी नहीं है, बल्कि लॉन्च व्हीकल में आए तकनीकी समस्या बना है। इसके चलते आईएसएस पर भेजा जाने वाला स्पेसएक्स का क्रू-10 मिशन लॉन्चिंग से सिर्फ एक घंटे पहले टाल दिया गया। अब इस मिशन को 14 मार्च को एक बार फिर लॉन्च करने की कोशिश की जाएगी। इसके साथ ही सुनीता विलियम्स का अंतरिक्ष में रहने वाला जो मिशन महज 8 दिन में खत्म हो जाना था, उसे अब नौ महीने से ज्यादा हो चुके हैं। हालांकि, सुनीता विलियम्स की वापसी अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाई है। ऐसे में यह जानना अहम है कि आखिर सुनीता विलियम्स को जिस मिशन पर भेजा गया था, उसमें कहां अड़चन आई? उनकी वापसी अब तक पृथ्वी पर क्यों नहीं हो पाई है? कितनी बार उन्हें पृथ्वी पर वापस लाने की तैयारी की गई? और हर बार किन कारणों से उन्हें लाने की कोशिशों को रोका गया? आइये जानते हैं…

सुनीता विलियम्स को किस मिशन पर भेजा गया था?

सुनीता विलियम्स
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5 जून 2024 को नासा का बोइंग क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन लॉन्च किया गया था। इस मिशन के तहत नासा ने अपने दो अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बैरी बुच विल्मोर को आठ दिन की यात्रा पर भेजा। दोनों को स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान के जरिए मिशन पर भेजा गया था। यह अंतरिक्ष यात्रियों के साथ अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान की पहली उड़ान थी। जिस मिशन पर सुनीता और बैरी हैं वो नासा के व्यावसायिक क्रू कार्यक्रम का हिस्सा है। दरअसल, नासा का लक्ष्य है कि वह अमेरिका के निजी उद्योग के साथ साझेदारी में अमेरिका से अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक सुरक्षित, विश्वसनीय और कम लागत के मानव मिशन भेजे। इसी उद्देश्य से यह टेस्ट मिशन लॉन्च किया गया था। इस मिशन का लक्ष्य अंतरिक्ष स्टेशन पर छह महीने के रोटेशनल मिशन (बारी-बारी से मिशन) को अंजाम देने की स्टारलाइनर की क्षमता को दिखाना था। लंबी अवधि की उड़ानों से पहले तैयारी को परखने और जरूरी परफॉर्मेंस डेटा जुटाने के लिए क्रू उड़ान परीक्षण को बनाया गया था।

किस वजह से आईएसएस पर ही फंस गईं सुनीता और बैरी?

हालांकि, अंतरिक्ष स्टेशन के लिए स्टारलाइनर की उड़ान के दौरान, अंतरिक्ष यान के कुछ थ्रस्टर्स ने उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं किया। थ्रस्टर्स आमतौर पर कम फोर्स वाले रॉकेट मोटर्स को कहा जाता है। थ्रस्टर्स के कमजोर प्रदर्शन के अलावा स्टारलाइनर के हीलियम सिस्टम में कई लीक भी देखे गए। इसके बाद नासा और बोइंग ने अंतरिक्ष यान के बारे में व्यापक डेटा विश्लेषण के जरिए जानकारी जुटाई। इस जांच में अंतरिक्ष शटल कोलंबिया दुर्घटना के बाद स्थापित हुए संगठन शामिल थे। यह दुर्घटना 1 फरवरी, 2003 को हुई थी। यह दुर्घटना तब हुई थी जब कोलंबिया अंतरिक्ष यान पृथ्वी के वातावरण में वापस आ रहा था। इस दुर्घटना में सभी सात अंतरिक्ष यात्री मारे गए थे जिसमें भारतीय मूल की कल्पना चावला भी शामिल थीं।

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