सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को लगाई फटकार, कोरोना काल में सेक्स वर्कर्स को नहीं दिया राशन

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सेक्स वर्कर्स को राशन न देने पर यूपी सरकार को फटकार लगाई है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने देश भर के सभी राज्यों को आदेश दिया था कि कोरोना काल में सेक्स वर्कर्स के लिए अलग से स्कीम बना कर उनकी मदद की जाए। कोरोना की वजह से सेक्स वर्कर्स की आय बंद हो गई है और उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो रही है।

सुनवाई के दौरान शुक्रवार को सभी राज्यों ने हलफनामा देकर बताया कि वह अपने राज्य में सेक्स वर्कर्स को राशन किस तरह से पहुंचा रहे है। लेकिन उत्तर प्रदेश ने अदालत में कोई ठोस जवाब नहीं दिया. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को लताड़ लगाई।

कोर्ट ने कहा, अभी तक आप ने सेक्स वर्कर्स को चिह्नित भी नहीं किया है. क्या आप ने एनएसीओ या ऐसी किसी एजेंसी से बात की. आप खुद को वेलफेयर स्टेट कहते हैं लेकिन चार हफ्तों में आप ने कुछ नहीं किया। चार हफ्तों में तो उनकी (सेक्स वर्कर्स) की हालत और खराब हो गई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार पर इस बाबत काम करने और बेहतर हलफनामा दाखिल करने को कहा।

बीते महीने सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को निर्देश दिया था कि वे राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन और विधिक सेवा प्राधिकरणों द्वारा चिह्नित यौनकर्मियों को पहचान का सबूत पेश करने के लिए बाध्य किये बगैर ही शुष्क राशन उपलब्ध कराएं। शीर्ष अदालत ने इसके साथ ही सभी राज्यों को चार सप्ताह के भीतर इस आदेश के अनुपालन की रिपोर्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया था।

बीते महीने सुप्रीम कोर्ट में हुई थी सुनवाई

इन रिपोर्ट में यह विवरण होना चाहिए था कि कितने यौनकर्मियों को इस दौरान राशन दिया गया. जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस अजय रस्तोगी की पीठ ने कहा था कि कोविड-19 महामारी की अवधि के दौरान यौनकर्मियों को वित्तीय सहायता दिये जाने के सवाल पर बाद में विचार किया जाएगा।